रुद्रप्रयाग: प्रदेश में मौसम का मिजाज तल्ख है. बारिश से भूस्खलन का दौर जारी है, जिससे प्रदेश के संपर्क मार्ग मलबा आने से लगातार बाधित हो रहे हैं. वहीं बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले लिंक मोटर मार्गों पर भी जमकर भूस्खलन हो रहा है. इस कारण आम जनता की आवाजाही प्रभावित हो रही है. रुद्रप्रयाग जनपद में एक दर्जन से अधिक ग्रामीण मोटर मार्गों पर आवाजाही ठप है. वहीं बारिश के कारण जल संस्थान विभाग की 80 के करीब योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों में वैकल्पिक तौर पर पेयजल व्यवस्था कराई गई है.
गौर हो कि बारिश और भूस्खलन के बाद आफत का दौर जारी है. जगह-जगह पहाड़ियां दरक रही हैं. छेनागाड़-बक्सीर मोटरमार्ग पर पहाड़ी का एक बहुत बड़ा हिस्सा टूटने से मार्ग बंद पड़ा हुआ है. इसके साथ ही बारिश और भूस्खलन के चलते रुद्रप्रयाग में एक दर्जन से अधिक लिंक मोटरमार्ग बंद हैं. कई मोटरमार्गों पर नालियां न होने से बरसाती गदेरे सड़क पर बह रहे हैं. पानी की धार तेज होने के कारण मोटर मार्गों पर आवाजाही बंद है.
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ग्रामीण जनता अपने घरों में ही कैद है. इन दिनों हजारों ग्रामीणों का ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीण लिंक मार्गों पर मलबा और बोल्डर आये हुए हैं. इन्हें साफ करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिये गये हैं. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन की टीमें ग्रामीण इलाकों में तैनात की गयी हैं, जिससे ग्रामीणों को समस्या होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.
वहीं दूसरी ओर बारिश के कारण जल संस्थान की 80 के करीब योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं. पेयजल को लेकर ग्रामीण जनता परेशान है. एक ओर लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो गया है, वहीं पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त होने से पानी की समस्या भी बनी हुई है.
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ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि विभाग की 247 योजनाओं में 80 योजनाएं बरसाती मौसम के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं. इन क्षेत्रों में वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. आपदा में योजनाओं का ट्रीटमेंट किया जाना है. शासन को एक करोड़ का स्टीमेट भेजा गया है. धन स्वीकृत होने पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा.