रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में बारिश और बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित होने लगे हैं. दो दिनों से धाम में हल्की बर्फबारी हो रही है. धाम में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है, जिसके बाद केदारपुरी में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है. केदारधाम के कपाट बंद होने से चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. केदारपुरी में सिर्फ पुनर्निर्माण में जुटे मजदूर और पुलिस के जवान मौजूद हैं. वहीं बारिश और बर्फबारी से पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
गौर हो कि बीते 29 अक्टूबर को विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गये थे. कपाट बंद होने के बाद अब केदारपुरी पूर्ण रूप से खाली हो गई है. केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित, व्यवसायी कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी से चले गये हैं. केदारपुरी में पुनर्निर्माण में जुटे मजदूर और बाबा केदार के मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवान ही डटे हुए हैं. केदारनाथ धाम में दो दिनों से हो रही बारिश और हल्की बर्फबारी से ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है. केदारनाथ की चोटियों के साथ ही धाम में जमकर बर्फबारी हुई है. जिससे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित होने लगे हैं. मजदूर और पुलिस के जवानों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है.
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धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण किया जा रहा है. इसके अलावा मंदाकिनी और सरस्वती नदी पर पुलों का निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के भवनों का कार्य चल रहा है. जबकि पुलिस के जवान बाबा केदार की मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुये हैं. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि धाम में कई ऐसे कार्य हैं, जो यात्राकाल में भी चल रहे थे और शीतकाल में भी चालू रहेंगे. धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल, मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर ब्रिज का निर्माण और तीर्थ पुरोहितों के भवनों को कार्य चल रहा है. बर्फबारी कम होती है तो कार्य में तेजी रहेगी और ज्यादा बर्फबारी में कार्य को बंद किया जायेगा.
नवंबर और दिसम्बर में ज्यादा से ज्यादा कार्य किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मौसम ने साथ दिया तो 2020 की यात्रा में मंदाकिनी और सरस्वती नदी पर बन रहे पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. गरुड़चट्टी और भैरवनाथ को जोड़ने वाले पुलों का निर्माण पूरा होने से अगली यात्रा में तीर्थयात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही सरस्वती घाट व सस्वती प्लाजा का निर्माण कार्य भी पूरा हो जायेगा, जबकि तीर्थ पुरोहित के छः भवन बनकर तैयार हो जायेंगे. उन्होंने आगे कहा कि शंकराचार्य की समाधिस्थल का कार्य अक्टूबर 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा.