रुद्रप्रयाग: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन से परेशान दिहाड़ी मजदूर अब अपने घरों को लौटने की जिद करने लगे हैं. प्रशासन इन्हें अपनी जगहों पर ही रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. ठेकेदारों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं कि वे अपने मजदूरों को रहने एवं खाने की पूरी व्यवस्था करें. पर मजदूर अपने घर जाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
बुधवार को ऐसे ही 21 मजदूरों को पुलिस प्रशासन ने पुराना देवल में अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका. ये सभी एक पिकअप वाहन पर सवार थे. पुलिस ने एक साथ इतने लोगों को पिकअप वाहन पर सवार देखकर वाहन को रोककर पूछताछ की. पता चला कि ये लोग गुप्तकाशी से ल्वारा के पास चारधाम परियोजना राजमार्ग पर निर्माण कार्य में लगे थे. लाॅकडाउन को देखते हुए इनका सब्र टूट गया और वे गुप्तकाशी से अंधेरे में ही अपने घरों की और चल दिए.
वहीं पुलिस इन सभी मजदूरों को थाने ले गई और ठेकेदार को फोन कर तत्काल इन सबको ले जाने को कहा. पुलिस ने मजदूरों को अम्मा भोजनालय में खाना भी खिलाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया. जिसके बाद दोपहर तक एक ठेकेदार अपने पन्द्रह मजदूरों को वापस कार्यस्थल पर ले गया, जबकि दूसरे ठेकेदार ने भी अपने मजदूरों को वापस ले जाने की सहमति दी. पुलिस की ओर से पिकअप वाहन को सीज कर दिया गया है और वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
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वहीं विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि प्रशासन की ओर से मजदूरों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है. जिले में खाने की कोई कमी नहीं है. शासन की ओर से जिला प्रशासन को दो करोड़ रिलीज किये गये हैं.
यह धनराशि गरीब, असहाय और मजदूरों के रहने व खाने पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि करोना वायरस को लेकर जिला प्रशासन सतर्कता से कार्य कर रहा है. ऐसे में ठेकेदारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने मजदूरों के लिए खाने और रहने की उचित व्यवस्था करें.