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रुद्रप्रयाग: राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान जखोली का भवन हुआ तैयार

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Published : Dec 7, 2020, 2:09 PM IST

रुद्रप्रयाग के राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान जखोली का नवननिर्मित भवन बनकर तैयार हो गया है. पिछले लंबे समय से संस्थान के भवन निर्माण की मांग चल रही थी. भवन का निर्माण कार्य पूरा होने से शीघ्र संस्थान को नए भवन में शिफ्ट किया जायेगा.

Government Polytechnic Institute Jakholi Rudraprayag
राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान जखोली का नवननिर्मित भवन.

रुद्रप्रयाग: राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान जखोली में अध्ययनरत छात्रों की समस्याएं दूर होने जा रही हैं. पाॅलिटेक्निक संस्थान के भवन का निर्माण कार्य खत्म हो गया है. अब संस्थान में अध्यनरत छात्रों को पठन-पाठन के लिए पर्याप्त स्थान मिल सकेगा. इससे जहां छात्रों की समस्याएं दूर होंगी वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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2008 में ही मिल गई थी संस्थान को स्वीकृति

बता दें कि वर्ष 2008 में क्षेत्रीय जनता की मांग पर जखोली ब्लाॅक के लिए राजकीय महिला पाॅलिटेक्निक संस्थान की स्वीकृति मिली थी. शुरुआत में कुछ समय तक कक्षाएं गौचर पाॅलिटेक्निक संस्थान से ही संचालित हुईं. जिसके बाद जखोली में अस्थायी भवन की व्यवस्था न होने पर पाॅलिटेक्निक संस्थान रतूड़ा में इस संस्थान की कक्षाओं का संचालन किया गया. स्थापनाकाल के लगभग छह वर्ष तक यह संस्थान राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान रतूड़ा से ही संचालित हुआ. क्षेत्रीय ग्रामीणों के काफी विरोध के बाद वर्ष 2014 में इस संस्थान को जखोली शिफ्ट किया गया. इस दौरान संस्थान के आगे से महिला शब्द हटाकर राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान के नाम से संचालन की अनुमति मिली. वर्तमान में यह संस्थान जखोली ब्लाॅक कार्यालय के चार कमरों में संचालित हो रहा है.

सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुरू हुआ था निर्माण

यहां भवन एवं शिक्षकों के साथ ही कई अन्य संसाधनों का भारी टोटा पिछले लंबे समय से बना हुआ है. पर्याप्त भवन न होने से अध्यनरत छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. पर्याप्त स्थान न होने से पाॅलिटेक्निक संस्थान में मात्र आईटी ट्रेड का ही संचालन होने से अन्य ट्रेडों को स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. वर्तमान में यहां 16 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. वर्ष 2017 में संस्थान के कैंपस के लिए ग्रामीणों ने लगभग दो हेक्टेयर भूमि संस्थान को दान दी थी. जिसके बाद भूमि संस्थान के नाम हस्तांतरित करने की समस्त औपचारिताएं पूर्ण करने के बाद संस्थान ने भवन निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा था. शासन से भवन निर्माण के लिए चार करोड़ साठ लाख के बजट को स्वीकृति मिली थी.

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निदेशालय की ओर से टेंडर की समस्त औपचारिताएं पूर्ण करने के बाद बिडकुल कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कंपनी की ओर से संस्थान के तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया. वर्तमान में कार्यदायी संस्था बिडकुल ने तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है.

भवन का निर्माण कार्य पूरा होने से शीघ्र ही संस्थान को नए भवन में शिफ्ट किया जायेगा. इसके बाद छात्रों के साथ ही संस्थान के स्टाफ की समस्याएं दूर हो जायेंगी. राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान के प्रधानाचार्य डाॅ. वीएस नेगी ने बताया कि संस्थान जखोली के निर्माणाधीन तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. भवन निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए संस्थान की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे थे.

रुद्रप्रयाग: राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान जखोली में अध्ययनरत छात्रों की समस्याएं दूर होने जा रही हैं. पाॅलिटेक्निक संस्थान के भवन का निर्माण कार्य खत्म हो गया है. अब संस्थान में अध्यनरत छात्रों को पठन-पाठन के लिए पर्याप्त स्थान मिल सकेगा. इससे जहां छात्रों की समस्याएं दूर होंगी वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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2008 में ही मिल गई थी संस्थान को स्वीकृति

बता दें कि वर्ष 2008 में क्षेत्रीय जनता की मांग पर जखोली ब्लाॅक के लिए राजकीय महिला पाॅलिटेक्निक संस्थान की स्वीकृति मिली थी. शुरुआत में कुछ समय तक कक्षाएं गौचर पाॅलिटेक्निक संस्थान से ही संचालित हुईं. जिसके बाद जखोली में अस्थायी भवन की व्यवस्था न होने पर पाॅलिटेक्निक संस्थान रतूड़ा में इस संस्थान की कक्षाओं का संचालन किया गया. स्थापनाकाल के लगभग छह वर्ष तक यह संस्थान राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान रतूड़ा से ही संचालित हुआ. क्षेत्रीय ग्रामीणों के काफी विरोध के बाद वर्ष 2014 में इस संस्थान को जखोली शिफ्ट किया गया. इस दौरान संस्थान के आगे से महिला शब्द हटाकर राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान के नाम से संचालन की अनुमति मिली. वर्तमान में यह संस्थान जखोली ब्लाॅक कार्यालय के चार कमरों में संचालित हो रहा है.

सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शुरू हुआ था निर्माण

यहां भवन एवं शिक्षकों के साथ ही कई अन्य संसाधनों का भारी टोटा पिछले लंबे समय से बना हुआ है. पर्याप्त भवन न होने से अध्यनरत छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. पर्याप्त स्थान न होने से पाॅलिटेक्निक संस्थान में मात्र आईटी ट्रेड का ही संचालन होने से अन्य ट्रेडों को स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. वर्तमान में यहां 16 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. वर्ष 2017 में संस्थान के कैंपस के लिए ग्रामीणों ने लगभग दो हेक्टेयर भूमि संस्थान को दान दी थी. जिसके बाद भूमि संस्थान के नाम हस्तांतरित करने की समस्त औपचारिताएं पूर्ण करने के बाद संस्थान ने भवन निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा था. शासन से भवन निर्माण के लिए चार करोड़ साठ लाख के बजट को स्वीकृति मिली थी.

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निदेशालय की ओर से टेंडर की समस्त औपचारिताएं पूर्ण करने के बाद बिडकुल कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. कंपनी की ओर से संस्थान के तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया. वर्तमान में कार्यदायी संस्था बिडकुल ने तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है.

भवन का निर्माण कार्य पूरा होने से शीघ्र ही संस्थान को नए भवन में शिफ्ट किया जायेगा. इसके बाद छात्रों के साथ ही संस्थान के स्टाफ की समस्याएं दूर हो जायेंगी. राजकीय पाॅलिटेक्निक संस्थान के प्रधानाचार्य डाॅ. वीएस नेगी ने बताया कि संस्थान जखोली के निर्माणाधीन तिमंजिला भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. भवन निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए संस्थान की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे थे.

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