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प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए रुद्रप्रयाग को मिलेगा डिजिटल इंडिया अवॉर्ड, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के परिणाम जारी हो चुके हैं. प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए रुद्रप्रयाग जनपद को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है. 7 जनवरी को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रस्तावित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी.

National Award to Rudraprayag District
प्लास्टिक कचरे का निस्तारण
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Published : Dec 20, 2022, 7:00 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय पटल पर राज्य और जिले का नाम रोशन किया है. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे के निस्तारण हेतु जिला प्रशासन की ओर से रिसायकल संस्था के साथ चलाए गए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लिए जनपद को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के परिणाम जारी हो चुके हैं. आगामी 7 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा विज्ञान भवन दिल्ली में प्रस्तावित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति जिले को सम्मानित करेंगी. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला प्रशासन, तहसील ऊखीमठ, रिसाइकल संस्था एवं समस्त जनपद वासियों को बधाई दी है.

जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से हर साल राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग वर्ग में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग को डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के तहत नामित किया गया था, जिसमें जनपद ने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 में सिल्वर मेडल का पुरस्कार जीता है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया जा चुका है. ऐसे में यात्रा मार्ग पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा पानी की बोतलों, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने के बाद उसका उचित निस्तारण बड़ी चुनौती है. रिसायकल संस्था के साथ मिलकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग एवं दूसरे चरण में चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड व्यवस्था को लागू किया गया है.

जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष पानी की बोतलों पर क्यूआर लगाने से प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, जबकि बाद में कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर भी इसे लागू किया गया. आगामी यात्राओं में योजना को बड़े पैमाने पर लागू कर सभी प्रकार के प्लास्टिक कचरे को निस्तारित करने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अनूठी पहल: केदारनाथ पैदल मार्ग से खाली प्लास्टिक बोतल लाओ, दस रुपये पाओ

आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, चोपता-तुंगनाथ, देवरियाताल समेत कई धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर लाखों पर्यटक हर साल पहुंचते हैं. इस वर्ष अकेले केदारपुरी में करीब 16 लाख श्रद्धालुओें ने दर्शन किए हैं. ऐसे में प्लास्टिक कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती था लेकिन जिला प्रशासन ने अथक प्रयासों से इस समस्या को कम करने का एक बड़ा हल निकाल कर जिले में क्यूआर कोड प्रणाली शुरु की, जिसके अंर्तगत यात्रा मार्गों पर बिकने वाली प्लास्टिक की बोतलों पर एक क्यूआर कोड चस्पा कर बोतलों की टैगिंग की गई. हर क्यूआर कोड लगी बोतल पर बिक्री के समय 10 रुपए अतिरिक्त वसूले जाते हैं. वहीं, प्रत्येक बोतल वापस जमा करने वाले को 10 रुपए कमाने का मौका मिलता है.

33 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलें निस्तारित: उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि 6 मई, 2022 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर रिसायकल संस्था ने ऊखीमठ तहसील प्रशासन, नंगर पंचायत केदारनाथ, सुलभ इंटरनेशनल एवं यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के कर्मचारियों के साथ मिलकर मंदिर परिसर के समीप की कुछ दुकानों से प्रोजेक्ट शुरू किया था. सफल परीक्षण के बाद गुप्तकाशी से केदारनाथ के बीच सभी दुकानों में क्यूआर कोड लागू किए गए.

दूसरे चरण में सिस्टम चोपता-तुंगनाथ मार्ग पर लागू किया गया, जहां इस प्रयोग को और गति मिली एवं योजना. केदारनाथ, चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर अब तक 33,307 प्लास्टिक बोतलें संस्था के काउंटर पर एकत्रित की गई हैं, जबकि 1181 व्यवसायियों को 92300 क्यूआर कोड वितरण किए जा चुके हैं, जिन दुकानों की क्यूआर कोड लगी बोतलें पूरी नहीं बिकी हैं, वे आने वाले समय में भी बेची जा सकती हैं.

रुद्रप्रयाग: जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय पटल पर राज्य और जिले का नाम रोशन किया है. विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे के निस्तारण हेतु जिला प्रशासन की ओर से रिसायकल संस्था के साथ चलाए गए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लिए जनपद को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के परिणाम जारी हो चुके हैं. आगामी 7 जनवरी, 2023 को केंद्र सरकार द्वारा विज्ञान भवन दिल्ली में प्रस्तावित सम्मान समारोह में राष्ट्रपति जिले को सम्मानित करेंगी. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला प्रशासन, तहसील ऊखीमठ, रिसाइकल संस्था एवं समस्त जनपद वासियों को बधाई दी है.

जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से हर साल राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग वर्ग में यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग को डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के तहत नामित किया गया था, जिसमें जनपद ने राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 में सिल्वर मेडल का पुरस्कार जीता है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया जा चुका है. ऐसे में यात्रा मार्ग पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा पानी की बोतलों, कोल्ड ड्रिंक समेत अन्य प्लास्टिक का सामान इस्तेमाल करने के बाद उसका उचित निस्तारण बड़ी चुनौती है. रिसायकल संस्था के साथ मिलकर पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केदारनाथ यात्रा मार्ग एवं दूसरे चरण में चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर क्यूआर कोड व्यवस्था को लागू किया गया है.

जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष पानी की बोतलों पर क्यूआर लगाने से प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, जबकि बाद में कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर भी इसे लागू किया गया. आगामी यात्राओं में योजना को बड़े पैमाने पर लागू कर सभी प्रकार के प्लास्टिक कचरे को निस्तारित करने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- अनूठी पहल: केदारनाथ पैदल मार्ग से खाली प्लास्टिक बोतल लाओ, दस रुपये पाओ

आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, चोपता-तुंगनाथ, देवरियाताल समेत कई धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर लाखों पर्यटक हर साल पहुंचते हैं. इस वर्ष अकेले केदारपुरी में करीब 16 लाख श्रद्धालुओें ने दर्शन किए हैं. ऐसे में प्लास्टिक कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती था लेकिन जिला प्रशासन ने अथक प्रयासों से इस समस्या को कम करने का एक बड़ा हल निकाल कर जिले में क्यूआर कोड प्रणाली शुरु की, जिसके अंर्तगत यात्रा मार्गों पर बिकने वाली प्लास्टिक की बोतलों पर एक क्यूआर कोड चस्पा कर बोतलों की टैगिंग की गई. हर क्यूआर कोड लगी बोतल पर बिक्री के समय 10 रुपए अतिरिक्त वसूले जाते हैं. वहीं, प्रत्येक बोतल वापस जमा करने वाले को 10 रुपए कमाने का मौका मिलता है.

33 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बोतलें निस्तारित: उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा ने बताया कि 6 मई, 2022 को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर रिसायकल संस्था ने ऊखीमठ तहसील प्रशासन, नंगर पंचायत केदारनाथ, सुलभ इंटरनेशनल एवं यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के कर्मचारियों के साथ मिलकर मंदिर परिसर के समीप की कुछ दुकानों से प्रोजेक्ट शुरू किया था. सफल परीक्षण के बाद गुप्तकाशी से केदारनाथ के बीच सभी दुकानों में क्यूआर कोड लागू किए गए.

दूसरे चरण में सिस्टम चोपता-तुंगनाथ मार्ग पर लागू किया गया, जहां इस प्रयोग को और गति मिली एवं योजना. केदारनाथ, चोपता-तुंगनाथ और देवरियाताल मार्ग पर अब तक 33,307 प्लास्टिक बोतलें संस्था के काउंटर पर एकत्रित की गई हैं, जबकि 1181 व्यवसायियों को 92300 क्यूआर कोड वितरण किए जा चुके हैं, जिन दुकानों की क्यूआर कोड लगी बोतलें पूरी नहीं बिकी हैं, वे आने वाले समय में भी बेची जा सकती हैं.

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