रुद्रप्रयागः विश्व विख्यात केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Dham Yatra) के इतिहास में पहली बार 126 दिनों में 11 लाख तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं. साल 2019 में 10 लाख यात्री छह माह के दौरान केदारनाथ पहुंचे थे, लेकिन इस बार की यात्रा ने पुराने सभी रिकॉर्डों को तोड़ दिया है. अभी भी डेढ़ माह की यात्रा बाकी है. ऐसे में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या का आकंड़ा 13 लाख पार पहुंचने की उम्मीद है.
16 और 17 जून 2013 को केदारनाथ धाम में आई विनाशकारी आपदा (Disaster in Kedarnath Dham) को शायद ही कभी भुलाया जा सकता है. इस विनाशकारी आपदा में केदारनाथ में भारी तबाही मची. जिसमें हजारों लोग काल कवलित हो गए. उस भयावह स्थिति को देखकर लग रहा था कि यात्रा को पटरी पर लौटने में कई साल लग जाएंगे, लेकिन पुनर्निर्माण कार्य होने की वजह से यात्रा आपदा के अगले ही साल शुरू हो गई. आपदा के बाद साल 2019 में रिकॉर्ड दस लाख तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे.
साल 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रभावित रही. अब 2022 में केदारनाथ धाम की यात्रा (Kedarnath Yatra 2022) विधिवत शुरू हुई और यात्रा ने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक इतिहास बना दिया है. इतिहास ये है कि पहली बार मात्र 126 दिन में 11 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. अभी भी डेढ़ माह की यात्रा शेष बची हुई है. रोजाना सात से आठ हजार भक्त केदारनाथ पहुंच रहे हैं. कुछ यात्री पैदल तो कुछ यात्री हेली सेवाओं से दर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अब यही उम्मीद जताई जा रही है कि केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या का आकंड़ा 13 लाख पार पहुंचेगा.
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बीती 6 मई को केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हुई थी. शुरुआती चरण में कुछ व्यवस्थाएं तो गड़बड़ाई, लेकिन जिला प्रशासन ने तेजी से व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया. जिसके बाद लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती गई और यात्री आते रहे. यात्रियों के अत्यधिक संख्या में पहुंचने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं. जब मई में केदारनाथ यात्रा शुरू हुई थी तो उस समय रुद्रप्रयाग में मयूर दीक्षित नए-नए जिलाधिकारी बनकर आए थे और उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती केदारनाथ यात्रा का सफल संचालन करना था.
यात्रा के शुरुआती चरणों में दिक्कतें बहुत थी, लेकिन प्रशासन ने धीरे-धीरे इन कमियों से पार पा लिया और जिसका नतीजा ये रहा कि आज रिकार्ड संख्या में तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं. प्रशासन की ओर से केदारनाथ यात्रा में विशेष तौर पर स्वच्छता का ध्यान रखा गया है. स्वच्छता को लेकर सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्ण रूप से यात्रा मार्ग पर प्रतिबंध किया गया है. साथ ही क्यूआर की प्लास्टिक बोतल ही यात्रा में यूज करने को कहा गया है, जिससे इन बोतलों को यात्रा करने के बाद वापस लाने पर दस रुपए ईनाम भी दिए जा रहे हैं. इसके साथ ही टोकन सिस्टम भी किया गया है, जिससे तीर्थयात्री लाइन में न लगकर अपनी बारी आने पर बाबा केदार के दर्शन के लिए जा सकते हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रुद्रप्रयाग डीएम मयूर दीक्षित (Rudraprayag DM Mayur Dixit) ने कहा कि इस बार यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में यात्री पहुंचे हैं. दो सालों तक कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रभावित रही, लेकिन इस बार यात्रा विधिवत संचालित हो रही है. उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में भीड़ अत्यधिक बढ़ने के कारण दिक्कतें आई थी. सफाई व्यवस्था में भी कुछ कमी आ गई थी, लेकिन सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है.
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उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक पांच सौ से भी ज्यादा सफाई कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके अलावा यात्रा से संबंधित विभाग लगातार अपने कार्यों पर ध्यान दे रहे हैं. सभी विभागों को ये निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. यात्रियों को पैदल यात्रा मार्ग समेत धाम में बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं. यात्रा में अभी डेढ़ माह का समय बचा हुआ है और सभी होटल-लाॅज एडवांस में ही बुक हैं. उन्होंने कहा कि यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं.