रुद्रप्रयागः साल 2013 की प्रलयकारी आपदा में अलकनंदा नदी पर बने सात पुल बह गए थे. जिससे कई गांवों को संपर्क टूट गया था. इन सात पुलों में से रतूड़ा-धारकोट झूला पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. जिसका लोकार्पण स्थानीय विधायक भरत सिंह चौधरी ने किया. जिसके बाद आवाजाही भी शुरू हो गई है. ऐसे में तल्लानागपुर, धनपुर, रानीगढ समेत तीन पट्टियां आपस में जुड़ गए हैं. वहीं, विधायक चौधरी ने शिवानंदी-निरवाली झूला पुल का भी शिलान्यास किया.
बता दें कि उत्तराखंड आपदा न्यूनीकरण परियोजना के अलकनंदा नदी पर रतूड़ा-धारकोट झूला पुल को 5 करोड़ 48 लाख की लागत से तैयार किया गया है. सात के बाद यह पुल आवगमन के लिए खोल दिया गया है. एसपीआर योजना के तहत अलकनंदा नदी पर एक और शिवानंदी-निरवाली झूला पुल को भी 3 करोड़ 77 लाख की लागत से बनाया जा रहा है. इस क्षेत्र में आवागमन के लिए कोई पुल नहीं था. स्थानीय लोग ट्राली के माध्यम नदी पार कर रहे हैं, जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब पुल निर्माण होने से दोनों क्षेत्र की जनता को काफी फायदा मिलेगा.
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विधायक भरत चौधरी ने कहा की अलकनंदा नदी पर नगरासू के बीच तल्लानागपुर, धनपुर और रानीगढ़ क्षेत्र को जोड़ने के लिए सात पुल प्रस्तावित हैं. जिसमें से 6 पुलों का कार्य प्रगति पर है और एक पुल बनकर तैयार हो चुका है. पुलों के निर्माण के बाद सैकड़ों गांवों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि एक मोटरपुल कोठगी और घोलतीर के बीच प्रस्तावित है, जिसका शीघ्र निर्माण कार्य शुरू होगा.