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नाबालिग बच्ची को अस्पताल के टॉयलेट में मां ने करवाई डिलीवरी, जच्चा-बच्चा की मौत, जांच के बाद भी डॉक्टर अनजान?

रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय (Rudraprayag District Hospital) में एक नाबालिग ने शौचालय में बच्चे को जन्म (baby born in Rudraprayag District Hospital toilet) दिया. जिसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई. पहली नजर में इस घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती सामने आ रही है. अब पुलिस और अस्पताल प्रबंधन मामले की जांच कर रहे हैं.

Minor gave birth to a child in the toilet of Rudraprayag District Hospital, both died
रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय के शौचालय में नाबालिग ने बच्चे को दिया जन्म
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Published : Jul 23, 2022, 3:39 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 10:11 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग के शौचालय में एक नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म (baby born in Rudraprayag District Hospital toilet) दे दिया, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद ही नवजात और नाबालिग की मौत हो गई. पूरे घटनाक्रम में जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों और नाबालिग की मां की लापरवाही भी सामने आई है. चिकित्सकों को नाबालिग के प्रसव पीड़ा से ग्रसित होने की जानकारी नहीं लगी. वहीं, नाबालिग लड़की की मां ने बदनामी की डर से सारी बातें चिकित्सकों से छुपाए रखी. अब मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच बैठा दी है.

बता दें, शुक्रवार दोपहर को एक 17-18 वर्ष की लड़की को उसकी मां उपचार कराने को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची, लेकिन नाबालिग की मां ने चिकित्सकों को यह नहीं बताया कि वह प्रसव पीड़ा से ग्रसित है. चिकित्सक भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे. बताया जा रहा है कि देर रात को नाबालिग की मां ने जिला चिकित्सालय में अपनी बेटी का शौचालय में प्रसव कराया. प्रसव के बाद नाबालिग की मौत हो गई. सुबह के समय चिकित्सालय के शौचालय में सफाई कर्मियों को एक नवजात भी मृत मिला.

नाबालिग जच्चा और बच्चा की मौत
पढ़ें- बहादराबाद में सड़क हादसे में एक युवक की मौत, बाइकों की भिड़ंत में चार घायल

नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से चिकित्सकों सहित अन्य लोगों से झूठ बोला, जिस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नाबालिग जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव की ही थी. नाबालिग की मौत प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से हुई है. अगर नाबालिग की मां चिकित्सकों को सारी सच्चाई बता देती तो शायद नाबालिग की जान बच सकती थी.
पढ़ें- हरिद्वार में पंचक खत्म होने के बाद डाक कांवड़ ने पकड़ा जोर, आधा हाईवे कांवड़ियों के हवाले

जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ राजीव सिंह ने बताया शुक्रवार दोपहर के समय एक नाबालिग लड़की को लेकर उसकी मां जिला चिकित्सालय पहुंची थी. जांच करने पर पता चला कि उसमें हीमोग्लोबिन की कमी है. चिकित्सक उसे आगे के लिये रेफर कर रहे थे, लेकिन नाबालिग की मां ने मना कर दिया. उसने लिखित रूप में कहा कि उसका उपचार यहीं किया जाए. रात के समय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद उपचार न मिलने के कारण नाबालिग की भी मौत हो गई.

पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती सामने आ रही है. वहीं ये सवाल भी उठ रहा कि अस्पताल के डॉक्टरों को कैसे नहीं पता चला कि मामला कुछ असामान्य है. सवाल उठ रहे हैं कि लड़की की स्थिति जांचने के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से सवाल क्यों नहीं किए और क्या डॉक्टरी जांच भी नहीं भांप सकी कि लड़की गर्भवती है? अब पूरे मामले की पुलिस और अस्पताल प्रबंधन जांच कर रहा है.

रुद्रप्रयाग: जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग के शौचालय में एक नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म (baby born in Rudraprayag District Hospital toilet) दे दिया, लेकिन बच्चे को जन्म देने के बाद ही नवजात और नाबालिग की मौत हो गई. पूरे घटनाक्रम में जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों और नाबालिग की मां की लापरवाही भी सामने आई है. चिकित्सकों को नाबालिग के प्रसव पीड़ा से ग्रसित होने की जानकारी नहीं लगी. वहीं, नाबालिग लड़की की मां ने बदनामी की डर से सारी बातें चिकित्सकों से छुपाए रखी. अब मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच बैठा दी है.

बता दें, शुक्रवार दोपहर को एक 17-18 वर्ष की लड़की को उसकी मां उपचार कराने को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची, लेकिन नाबालिग की मां ने चिकित्सकों को यह नहीं बताया कि वह प्रसव पीड़ा से ग्रसित है. चिकित्सक भी नाबालिग का सामान्य उपचार करते रहे. बताया जा रहा है कि देर रात को नाबालिग की मां ने जिला चिकित्सालय में अपनी बेटी का शौचालय में प्रसव कराया. प्रसव के बाद नाबालिग की मौत हो गई. सुबह के समय चिकित्सालय के शौचालय में सफाई कर्मियों को एक नवजात भी मृत मिला.

नाबालिग जच्चा और बच्चा की मौत
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नाबालिग की मां ने बदनामी की डर से चिकित्सकों सहित अन्य लोगों से झूठ बोला, जिस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नाबालिग जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव की ही थी. नाबालिग की मौत प्रसव के बाद अत्यधिक रक्त बहने से हुई है. अगर नाबालिग की मां चिकित्सकों को सारी सच्चाई बता देती तो शायद नाबालिग की जान बच सकती थी.
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जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ राजीव सिंह ने बताया शुक्रवार दोपहर के समय एक नाबालिग लड़की को लेकर उसकी मां जिला चिकित्सालय पहुंची थी. जांच करने पर पता चला कि उसमें हीमोग्लोबिन की कमी है. चिकित्सक उसे आगे के लिये रेफर कर रहे थे, लेकिन नाबालिग की मां ने मना कर दिया. उसने लिखित रूप में कहा कि उसका उपचार यहीं किया जाए. रात के समय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया. प्रसव के बाद उपचार न मिलने के कारण नाबालिग की भी मौत हो गई.

पूरी घटना में नाबालिग के परिजनों की गलती सामने आ रही है. वहीं ये सवाल भी उठ रहा कि अस्पताल के डॉक्टरों को कैसे नहीं पता चला कि मामला कुछ असामान्य है. सवाल उठ रहे हैं कि लड़की की स्थिति जांचने के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से सवाल क्यों नहीं किए और क्या डॉक्टरी जांच भी नहीं भांप सकी कि लड़की गर्भवती है? अब पूरे मामले की पुलिस और अस्पताल प्रबंधन जांच कर रहा है.

Last Updated : Jul 23, 2022, 10:11 PM IST
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