ETV Bharat / state

खनन माफिया की करतूत: मंदाकिनी के ऊपर बना डाली सड़क, धारा रोककर चीर रहे नदी का सीना

author img

By

Published : Mar 16, 2022, 3:50 PM IST

Updated : Mar 16, 2022, 5:26 PM IST

रुद्रप्रयाग में खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि खनन के लिए मंदाकिनी नदी का प्रवाह रोक दिया है. माफिया ने नदी के बीचों-बीच सड़क बना दी है. जिसके बाद धड़ल्ले से मंदाकिनी नदी में खनन चल रहा है. खास बात ये है कि प्रशासन को मामले की जानकारी ही नहीं है या फिर वो जानबूझकर अंजान बना हुआ है.

Mining in Mandakini River
मंदाकिनी नदी में खनन

रुद्रप्रयागः जिले के दो स्थानों पर खनन कारोबारियों ने बिना अनुमति के मंदाकिनी नदी पर सड़क बना दी है. इसके लिए उन्होंने बोल्डर व मिट्टी भरकर नदी के प्रवाह को रोक दिया है. यह सबकुछ होने के बाद भी प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है. मंदाकिनी नदी का जल प्रवाह रोके जाने से पर्यावरणविद भी खासे चिंतित हैं. पहले ही एलएंडटी जल विद्युत परियोजना के कारण मंदाकिनी नदी सूख चुकी है. ऊपर से खनन कारोबारियों ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाकर नदी का प्रवाह रोक दिया है. ऐसे में जीव-जन्तुओं के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

गौरतलब है कि आपदा की दृष्टि से केदारघाटी काफी संवदेनशील है. यहां सबसे बड़ी आपदा वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा है. उस आपदा में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. हजारों लोग बेघर हो गए थे. इसके बावजूद भी सरकार और जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है. केदारघाटी में तीन जगहों पर स्टोन क्रशर संचालित हो रहे हैं. 10 जगहों पर खनन का काम जोरों पर चल रहा है. इस कार्य में एनजीटी के मानकों को दरकिनार कर खनन माफिया मनमर्जी करने में लगे हैं.

खनन माफिया की करतूत
ये भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा में खनन पर लगाई रोक, सरकार से जवाब भी मांगा

नदी रोककर बनाई सड़कः मंदाकिनी के दूसरी ओर रेत-बजरी उठाने को लेकर खनन माफिया ने मंदाकिनी नदी के प्रवाह को रोककर सड़क बना दी है. कई जगहों पर सड़क के बीच में पुलिया का निर्माण भी कर दिया है. इसकी भनक तक प्रशासन को नहीं है. केदारघाटी के रामपुर, चंद्रापुरी, बनियाड़ी, भटवाड़ी-सुनार, बुरूवा-भेंटी, जलई-सुरसाल, कुंड, राऊलैंक में खनन का कार्य तेजी से चल रहा है. यहां जितनी मर्जी खनन माफिया नदी का सीना चीरने में लगे हैं. मानकों के तहत खनन नहीं किया जा रहा है. खनन में मानक तय होने के बावजूद भी खनन माफिया अपनी मनमर्जी करने में लगे हैं. इसमें साफ तौर पर प्रशासन की मिलीभगत सामने आ रही है, जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

जलीय जीवों के अस्तित्व पर संकटः वहीं, मंदाकिनी नदी में चल रहा खनन भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है. केदारघाटी के रामपुर और चन्द्रापुरी में खनन माफिया ने बिना अनुमति के मंदाकिनी नदी पर सड़क का निर्माण कर दिया है. यहां जेसीबी और पोकलैंड मशीन की मदद से रातों-रात सड़क तैयार की गई. खनन माफिया का नदी के दूसरी ओर खनन का पट्टा स्वीकृत है. यहां पर नदी के बीच में बोल्डर डालकर ऊपर से मिट्टी बिछाई गई है. मंदाकिनी नदी में चल रहे खनन के धंधे से सरकारी खजाने में वृद्धि हो रही है या नहीं ये तो नहीं मालूम, लेकिन जलीय जीव जंतुओं के अस्तित्व पर संकट के बादल जरूर मंडरा रहे हैं, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.
ये भी पढ़ेंः रामनगर में नियम विरुद्ध संचालित मनराल स्टोन क्रशर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ऐसे में मंदाकिनी नदी में चल रहे खनन से पर्यावरणविद भी खासे चिंतित हैं. पर्यावरणविद देव राघवेन्द्र बद्री का कहना है कि प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतना सबकुछ होने के बाद भी उसे इसकी भनक तक नहीं लग सकी. अब प्रशासन की ओर से मामले में जानकारी जुटाए जाने की बात कहकर अपनी अनदेखी पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है.

प्रशासन के संज्ञान में मामला नहींः वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन धामी सरकार में खनन के पट्टे बांटे गए हैं, जिनमें एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं. मंदाकिनी नदी के ऊपर सड़क बना दी गई है और प्रशासन को कोई खबर तक नहीं है. प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं. उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. इधर, डीएम मनुज गोयल ने कहा कि मंदाकिनी नदी में सड़क बनाने का मामला अभी तक प्रशासन के संज्ञान में नहीं है. मामले में जांच की जाएगी और त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

रुद्रप्रयागः जिले के दो स्थानों पर खनन कारोबारियों ने बिना अनुमति के मंदाकिनी नदी पर सड़क बना दी है. इसके लिए उन्होंने बोल्डर व मिट्टी भरकर नदी के प्रवाह को रोक दिया है. यह सबकुछ होने के बाद भी प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है. मंदाकिनी नदी का जल प्रवाह रोके जाने से पर्यावरणविद भी खासे चिंतित हैं. पहले ही एलएंडटी जल विद्युत परियोजना के कारण मंदाकिनी नदी सूख चुकी है. ऊपर से खनन कारोबारियों ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाकर नदी का प्रवाह रोक दिया है. ऐसे में जीव-जन्तुओं के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

गौरतलब है कि आपदा की दृष्टि से केदारघाटी काफी संवदेनशील है. यहां सबसे बड़ी आपदा वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा है. उस आपदा में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. हजारों लोग बेघर हो गए थे. इसके बावजूद भी सरकार और जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है. केदारघाटी में तीन जगहों पर स्टोन क्रशर संचालित हो रहे हैं. 10 जगहों पर खनन का काम जोरों पर चल रहा है. इस कार्य में एनजीटी के मानकों को दरकिनार कर खनन माफिया मनमर्जी करने में लगे हैं.

खनन माफिया की करतूत
ये भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा में खनन पर लगाई रोक, सरकार से जवाब भी मांगा

नदी रोककर बनाई सड़कः मंदाकिनी के दूसरी ओर रेत-बजरी उठाने को लेकर खनन माफिया ने मंदाकिनी नदी के प्रवाह को रोककर सड़क बना दी है. कई जगहों पर सड़क के बीच में पुलिया का निर्माण भी कर दिया है. इसकी भनक तक प्रशासन को नहीं है. केदारघाटी के रामपुर, चंद्रापुरी, बनियाड़ी, भटवाड़ी-सुनार, बुरूवा-भेंटी, जलई-सुरसाल, कुंड, राऊलैंक में खनन का कार्य तेजी से चल रहा है. यहां जितनी मर्जी खनन माफिया नदी का सीना चीरने में लगे हैं. मानकों के तहत खनन नहीं किया जा रहा है. खनन में मानक तय होने के बावजूद भी खनन माफिया अपनी मनमर्जी करने में लगे हैं. इसमें साफ तौर पर प्रशासन की मिलीभगत सामने आ रही है, जिससे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

जलीय जीवों के अस्तित्व पर संकटः वहीं, मंदाकिनी नदी में चल रहा खनन भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है. केदारघाटी के रामपुर और चन्द्रापुरी में खनन माफिया ने बिना अनुमति के मंदाकिनी नदी पर सड़क का निर्माण कर दिया है. यहां जेसीबी और पोकलैंड मशीन की मदद से रातों-रात सड़क तैयार की गई. खनन माफिया का नदी के दूसरी ओर खनन का पट्टा स्वीकृत है. यहां पर नदी के बीच में बोल्डर डालकर ऊपर से मिट्टी बिछाई गई है. मंदाकिनी नदी में चल रहे खनन के धंधे से सरकारी खजाने में वृद्धि हो रही है या नहीं ये तो नहीं मालूम, लेकिन जलीय जीव जंतुओं के अस्तित्व पर संकट के बादल जरूर मंडरा रहे हैं, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.
ये भी पढ़ेंः रामनगर में नियम विरुद्ध संचालित मनराल स्टोन क्रशर पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ऐसे में मंदाकिनी नदी में चल रहे खनन से पर्यावरणविद भी खासे चिंतित हैं. पर्यावरणविद देव राघवेन्द्र बद्री का कहना है कि प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतना सबकुछ होने के बाद भी उसे इसकी भनक तक नहीं लग सकी. अब प्रशासन की ओर से मामले में जानकारी जुटाए जाने की बात कहकर अपनी अनदेखी पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है.

प्रशासन के संज्ञान में मामला नहींः वहीं, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन धामी सरकार में खनन के पट्टे बांटे गए हैं, जिनमें एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं. मंदाकिनी नदी के ऊपर सड़क बना दी गई है और प्रशासन को कोई खबर तक नहीं है. प्रशासन और सरकार की मिलीभगत से खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं. उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. इधर, डीएम मनुज गोयल ने कहा कि मंदाकिनी नदी में सड़क बनाने का मामला अभी तक प्रशासन के संज्ञान में नहीं है. मामले में जांच की जाएगी और त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

Last Updated : Mar 16, 2022, 5:26 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.