रुद्रप्रयागः उत्तराखंड राज्य को बने 21 साल पूरे होने जा रहे हैं. दो दशक बीत जाने के बाद भी प्रदेश के कई गांवों तक विकास नहीं पहुंच पाई है. ऐसे से ही दर्जनों गांव अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बच्छणस्यूं पट्टी में हैं, जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. इतना ही नहीं सुविधाओं के अभाव में गांवों से बदस्तूर पलायन जारी है, जिस कारण गांव में गिनती भर के परिवार रह गए हैं. जिन्हें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मीलों की दौड़ लगानी पड़ रही है.
बच्छणस्यूं के मध्य क्षेत्र में बसा ग्राम पंचायत निषणी व बंगोली के सुनाऊं, पौड़ीखाल, चाम्यूं, पणधारा, कलैथ, ढमणी, ढिंगणी गांव के ग्रामीण आज भी आदिकाल में जीने को मजबूर हैं. यहां के ग्रामीणों को अभी तक सड़क, स्वास्थ्य, संचार व शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नसीब नहीं हो पाई हैं. 80 के दशक से गांवों को सड़क से जोड़ने की मांग की जा रही है. हालांकि, साल 2004 में दैजीमांडा-पौड़ीखाल मोटर मार्ग की स्वीकृत मिली थी, लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जिस कारण ग्रामीणों को आवश्यक सामग्री के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है.
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बच्छणस्यूं पट्टी के कई गांवों में बिजली, पानी, संचार सेवा भी भगवान भरोसे है. इसके अलावा प्राथमिक व जूनियर शिक्षण संस्थान भी सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. क्षेत्र के बच्चों को आठवीं के बाद पढ़ाई के लिए दो तरफा दस किमी पैदल दूरी नापनी पड़ रहा है. आलम तो ये है कि बुखार की दवा के लिए लोग एलोपैथिक चिकित्सालय खेड़ाखाल पर निर्भर हैं. जबकि, पौड़ीखाल में संचालित एएनएम सेंटर पर चार साल से ताला लटका हुआ है.
ढिंगणी गांव हुआ जनशून्यः मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांवों से पलायन हो रहा है, जिस कारण ढिंगणी गांव जनशून्य हो चुका है. वहीं, पौड़ीखाल चाम्यूं गांव में एक-एक परिवार रह गए हैं, जहां बुजुर्ग दंपति परिवार रह रहा है. ग्राम पंचायत निषणी की ग्राम प्रधान इंदु देवी ने कहा कि राज्य बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि गांव सड़क से जुड़ेगा तो मीलों की दूरी से निजात मिलेगी, लेकिन आंखें पथरा गई है, अब तक इंतजार खत्म नहीं हो रहा है.
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वहीं, ग्रामीण शासन-प्रशासन से लेकर क्षेत्रीय विधायक से मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों व नेताओं से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है, जिस कारण जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि सड़क व अन्य सुविधाओं से वंचित गांवों के विकास को लेकर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. दैजीमांडा-पौड़ीखाल मोटर मार्ग निर्माण में देरी को लेकर लोनिवि से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही बिजली, पानी, संचार व पैदल मार्ग के सुधारीकरण के लिए विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं.
पलायन का दंश झेल रहे बच्छणस्यूं पट्टी के गांव
गांव का नाम | पहले परिवारों की संख्या | अब परिवार |
पणधारा | 25 | 12 |
कलैथ | 20 | 11 |
चाम्यूं | 15 | 01 |
पौड़ीखाल | 10 | 01 |
सुनाऊं | 30 | 17 |
ढमणी | 12 | 04 |
ढिंगणी | 08 | -- |
मरगांव | 30 | 16 |
कपलखील | 10 | 02 |