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ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद, यात्रियों को चाय तक नहीं मिला

ई-पास के विरोध में आज पूरी केदारघाटी में यात्रा से जुड़े कारोबारियों और तीर्थ पुरोहितों ने दुकानें बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. केदारघाटी के बाजार बंद होने से यात्रियों को चाय तक नसीब नहीं हुई. हालांकि, यात्री भी मान रहे हैं कि चारधाम यात्रा में ई-पास की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए.

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ई-पास का विरोध
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Published : Sep 27, 2021, 3:28 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 5:17 PM IST

रुद्रप्रयागः चारधाम यात्रा में ई-पास की बाध्यता को खत्म करने और यात्रा को पूरी तरह से खोलने की मांग को लेकर केदारनाथ समेत केदारघाटी के सभी बाजार बंद रहे. इस दौरान होटल, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालक समेत केदारघाटी की जनता ने केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह प्रदर्शन किया. केदारनाथ और यात्रा पड़ाव के बाजारों के बंद रहने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं यात्रियों को गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग समेत केदारघाटी में चाय-पानी तक नहीं मिल पायी. वहीं, बाजार बंद रहने से यात्रियों में काफी आक्रोश देखा गया.

गौर हो कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. केदारनाथ धाम में एक दिन में मात्र 800 यात्रियों को जाने की अनुमति है. यात्रियों को केदारनाथ जाने के लिए पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर जाकर ई-पास बनाना होगा. बिना ई-पास वाले यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा जा रहा है. अभी से अक्टूबर तक के ई-पास पूरी तरह से बुक हो चुके हैं. ऐसे में कई यात्री केदारनाथ धाम की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें आधे रास्ते से वापस लौटाया जा रहा है.

ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद.

ये भी पढ़ेंः CM पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान, चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने जाएंगे हाईकोर्ट

ऐसे में केदारनाथ समेत यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग, गौरीकुंड, गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सीतापुर आदि बाजारों के व्यापारियों, पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों ने आज केदारघाटी को बंद रखा. व्यापारियों और मजदूरों ने केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम आने के लिए ई-पास की व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए और यात्रा को पूर्ण रूप से खोल देना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः चारधाम को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह, महाराज करेंगे CM से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने का अनुरोध

उनका कहना है कि यात्री बिना ई-पास के वापस लौट रहे हैं. इसका असर स्थानीय जनता पर भी पड़ रहा है. पहले ही दो साल से कोरोना की मार पड़ी हुई है और अब ई-पास का नियम लागू होने से दिक्कतें बढ़ गई है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. कई बेरोजगारों के सामने आज भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है. इससे अच्छा होता कि यात्रा को खोला ही नहीं जाता.

ये भी पढ़ेंः ऑनलाइन स्लॉट बुक ना होने से मायूस लौट रहे चारधाम यात्री, परिवहन व्यवसाई भी परेशान

केदारघाटी के बाजार बंद रहने से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक यात्रियों को कहीं भी पानी और चाय तक नहीं मिल पाई. यात्री पैदल मार्ग पर भूखे-प्यासे ही यात्रा करते रहे. यात्रियों का भी कहना था कि स्थानीय लोगों की मांग को मान लेना चाहिए और ई-पास की बाध्यता को खत्म कर यात्रा को पूर्ण रूप से खोल देना चाहिए.

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

ये भी पढ़ेंः पुलिस ने चारधाम जाने से रोका तो सड़क पर बैठक श्रद्धालु करने लगे कीर्तन

ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

रुद्रप्रयागः चारधाम यात्रा में ई-पास की बाध्यता को खत्म करने और यात्रा को पूरी तरह से खोलने की मांग को लेकर केदारनाथ समेत केदारघाटी के सभी बाजार बंद रहे. इस दौरान होटल, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी संचालक समेत केदारघाटी की जनता ने केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह प्रदर्शन किया. केदारनाथ और यात्रा पड़ाव के बाजारों के बंद रहने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं यात्रियों को गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग समेत केदारघाटी में चाय-पानी तक नहीं मिल पायी. वहीं, बाजार बंद रहने से यात्रियों में काफी आक्रोश देखा गया.

गौर हो कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. केदारनाथ धाम में एक दिन में मात्र 800 यात्रियों को जाने की अनुमति है. यात्रियों को केदारनाथ जाने के लिए पहले देवस्थानम बोर्ड की साइट पर जाकर ई-पास बनाना होगा. बिना ई-पास वाले यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा जा रहा है. अभी से अक्टूबर तक के ई-पास पूरी तरह से बुक हो चुके हैं. ऐसे में कई यात्री केदारनाथ धाम की यात्रा नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें आधे रास्ते से वापस लौटाया जा रहा है.

ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद.

ये भी पढ़ेंः CM पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान, चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने जाएंगे हाईकोर्ट

ऐसे में केदारनाथ समेत यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग, गौरीकुंड, गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सीतापुर आदि बाजारों के व्यापारियों, पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों ने आज केदारघाटी को बंद रखा. व्यापारियों और मजदूरों ने केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम आने के लिए ई-पास की व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए और यात्रा को पूर्ण रूप से खोल देना चाहिए.

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उनका कहना है कि यात्री बिना ई-पास के वापस लौट रहे हैं. इसका असर स्थानीय जनता पर भी पड़ रहा है. पहले ही दो साल से कोरोना की मार पड़ी हुई है और अब ई-पास का नियम लागू होने से दिक्कतें बढ़ गई है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. कई बेरोजगारों के सामने आज भुखमरी की समस्या पैदा हो गई है. इससे अच्छा होता कि यात्रा को खोला ही नहीं जाता.

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केदारघाटी के बाजार बंद रहने से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक यात्रियों को कहीं भी पानी और चाय तक नहीं मिल पाई. यात्री पैदल मार्ग पर भूखे-प्यासे ही यात्रा करते रहे. यात्रियों का भी कहना था कि स्थानीय लोगों की मांग को मान लेना चाहिए और ई-पास की बाध्यता को खत्म कर यात्रा को पूर्ण रूप से खोल देना चाहिए.

बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.

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ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी. जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.

Last Updated : Sep 27, 2021, 5:17 PM IST
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