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खेती से जुड़कर महेंद्र राज भट्ट ने अपनाया स्वरोजगार, किसानों के लिए बने मिसाल - Mahendra Raj Bhatt adopted self employment

रुद्रप्रयाग जिले के महेंद्र राज भट्ट ने खेती, मत्स्य और मुर्गी पालन के जरिए स्वरोजगार अपनाया है, जो अब अपने क्षेत्र के किसानों के लिए मिसाल बने हुए हैं. वहीं, महेंद्र राज द्वारा स्थापित फॉर्मिंग हाउस का डीएम मयूर दीक्षित ने निरीक्षण किया.

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महेंद्र राज भट्ट ने अपनाया स्वरोजगार
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Published : Nov 18, 2022, 3:37 PM IST

रुद्रप्रयाग: बढ़ती बेरोजगारी के बीच सरकार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजनाओं चला रही. जिसे अपना कर कोई भी व्यक्ति अपने गृह क्षेत्र में ही उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन करके अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार दे सकता है. स्वरोजगार अपनाने के लिए काश्तकारों को सरकार की ओर से भी मदद मिल रही है.

रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली के अंतर्गत चौंरा गांव के सातोली में काश्तकार महेंद्रराज भट्ट सेब, कीवी, माल्टा और बड़ी इलायची सहित कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. जिसकी वजह से महेंद्र राज अन्य काश्तकारों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.

खेती से जुड़कर महेंद्र राज भट्ट ने अपनाया स्वरोजगार.

ग्राम पंचायत चौंरा के सातोली में काश्तकार महेंद्र राज भट्ट ने एक फार्म हाउस निर्मित किया है. यह फार्म हाउस करीब दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इसके अंदर सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलायची, चायपत्ती, फल और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है. इसके साथ ही काश्तकार भट्ट मत्स्य और मुर्गी पालन का भी कर रहे हैं.

काश्तकार ने यहां पर सेब के अलग-अलग प्रजाति के 8 सौ से भी अधिक पौधे लगाए हैं. ठंडी जगह होने के कारण यहां पर पौधे खूब विकसित हो रहे हैं. कुछ ही वर्षों में यह पौधे फल देने भी लग जाएंगे. फल, सब्जी उत्पादन के अलावा मत्स्य और मुर्गी पालन के जरिए महेंद्र राज भट्ट स्वरोजगार अपनाकर अन्य काश्तकारों के लिए भी प्रेरणा बने हुए हैं.
ये भी पढ़ें: 'गोट वैली' योजना से समृद्ध होगा उत्तराखंड, महिलाओं को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने की तैयारी

जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चौधरी ने कहा कि साल 2020-21 में 0.40 हेक्टेयर में करीब 5 लाख 37 हजार रुपए की लागत से सघन सेब उद्यानीकरण तैयार किया गया है. इसके अलावा कीवी, स्ट्रॉबेरी समेत अन्य कैशक्राॅप उत्पादन के लिए भी काश्तकार को सहायता दी गई है. मनरेगा के तहत घेरबाड़, टैंक एवं गूल निर्माण के लिए 9 लाख 13 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. अन्य काश्तकार भी इस प्रकार का कार्य करते हैं तो उन्हे भी मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

काश्तकार महेंद्र राज भट्ट के फार्म हाउस का जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निरीक्षण किया. डीएम ने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह के फाॅर्म विकसित होने से आजीविका में वृद्धि होती है. साथ ही अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलती है. विभागीय स्तर पर ऐसे कृषकों को हर संभव मदद दी जा रही है. साथ ही समय-समय पर उनका आवश्यक मार्गदर्शन भी किया जाता है. जनपद में ऐसे प्रगतिशील कृषकों से अन्य कृषक प्रेरित हो सके, इसके लिए उनका प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है.

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में सेब की पैदावार बढ़ाने के लिए बगीचों को विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. इस दिशा में कार्य करने वाले कृषकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा. डीएम ने उत्तरकाशी जैसे अन्य सेब उत्पादित जनपदों में कृषकों का भ्रमण किए जाने को आवश्यक बताया. ताकि किसान खेती की बारीकियों का निरीक्षण कर और बेहतर उत्पादन कर सकें.

रुद्रप्रयाग: बढ़ती बेरोजगारी के बीच सरकार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजनाओं चला रही. जिसे अपना कर कोई भी व्यक्ति अपने गृह क्षेत्र में ही उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन करके अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार दे सकता है. स्वरोजगार अपनाने के लिए काश्तकारों को सरकार की ओर से भी मदद मिल रही है.

रुद्रप्रयाग जिले के विकासखंड जखोली के अंतर्गत चौंरा गांव के सातोली में काश्तकार महेंद्रराज भट्ट सेब, कीवी, माल्टा और बड़ी इलायची सहित कई प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं. जिसकी वजह से महेंद्र राज अन्य काश्तकारों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.

खेती से जुड़कर महेंद्र राज भट्ट ने अपनाया स्वरोजगार.

ग्राम पंचायत चौंरा के सातोली में काश्तकार महेंद्र राज भट्ट ने एक फार्म हाउस निर्मित किया है. यह फार्म हाउस करीब दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इसके अंदर सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलायची, चायपत्ती, फल और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है. इसके साथ ही काश्तकार भट्ट मत्स्य और मुर्गी पालन का भी कर रहे हैं.

काश्तकार ने यहां पर सेब के अलग-अलग प्रजाति के 8 सौ से भी अधिक पौधे लगाए हैं. ठंडी जगह होने के कारण यहां पर पौधे खूब विकसित हो रहे हैं. कुछ ही वर्षों में यह पौधे फल देने भी लग जाएंगे. फल, सब्जी उत्पादन के अलावा मत्स्य और मुर्गी पालन के जरिए महेंद्र राज भट्ट स्वरोजगार अपनाकर अन्य काश्तकारों के लिए भी प्रेरणा बने हुए हैं.
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जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र चौधरी ने कहा कि साल 2020-21 में 0.40 हेक्टेयर में करीब 5 लाख 37 हजार रुपए की लागत से सघन सेब उद्यानीकरण तैयार किया गया है. इसके अलावा कीवी, स्ट्रॉबेरी समेत अन्य कैशक्राॅप उत्पादन के लिए भी काश्तकार को सहायता दी गई है. मनरेगा के तहत घेरबाड़, टैंक एवं गूल निर्माण के लिए 9 लाख 13 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. अन्य काश्तकार भी इस प्रकार का कार्य करते हैं तो उन्हे भी मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

काश्तकार महेंद्र राज भट्ट के फार्म हाउस का जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निरीक्षण किया. डीएम ने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह के फाॅर्म विकसित होने से आजीविका में वृद्धि होती है. साथ ही अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलती है. विभागीय स्तर पर ऐसे कृषकों को हर संभव मदद दी जा रही है. साथ ही समय-समय पर उनका आवश्यक मार्गदर्शन भी किया जाता है. जनपद में ऐसे प्रगतिशील कृषकों से अन्य कृषक प्रेरित हो सके, इसके लिए उनका प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है.

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में सेब की पैदावार बढ़ाने के लिए बगीचों को विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. इस दिशा में कार्य करने वाले कृषकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा. डीएम ने उत्तरकाशी जैसे अन्य सेब उत्पादित जनपदों में कृषकों का भ्रमण किए जाने को आवश्यक बताया. ताकि किसान खेती की बारीकियों का निरीक्षण कर और बेहतर उत्पादन कर सकें.

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