रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान हो गई है. शनिवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी. भगवान तुंगनाथ की डोली के मक्कूमठ आगमन पर मंदिर समिति, हक - हकूकधारियों और ग्रामीणों के संयुक्त तत्वावधान में कई वर्षों बाद शाही भोज का आयोजन किया गया. जिसमें लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया.
![Lord Tungnath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-11-2023/uk-rpg-01-tungnath-virajman-dry-uk10030_03112023163541_0311f_1699009541_840.jpg)
शुक्रवार को ब्रह्म बेला पर भनकुंड में विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कराई और भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस देवी-देवताओं का आवाहन किया. इसके बाद 10 बजे प्रातः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना हुई. भगवान तुंगनाथ चल विग्रह उत्सव डोली का विभिन्न पड़ावों पर ग्रामीणों ने पुष्प और अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया. साथ ही राकेश्वरी नदी पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ की डोली सहित विभिन्न देवी - देवताओं के निशाणों ने गंगा स्नान किया.
![Lord Tungnath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-11-2023/uk-rpg-01-tungnath-virajman-dry-uk10030_03112023163541_0311f_1699009541_915.jpg)
भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचने पर ग्रामीणों और भक्तों द्वारा लाल -पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी गई और अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियों से अर्ध्य देकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होने पर मठापति राम प्रसाद मैठाणी द्वारा दान की परंपराओं का निर्वहन किया गया.
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मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि इस बार तुंगनाथ धाम में 1 लाख 36 हजार तीर्थ यात्रियों के आने से नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. वहीं, जानकारी देते हुए डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के चार चरणों की दिवारा यात्रा के बाद पांचवें चरण में शाही भोज की परंपरा युगों पूर्व की है.
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