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आज बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट, हजारों टन फूलों से सजाया गया मंदिर

बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार के दर्शन शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में होंगे.

kedarnath dham
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Published : Oct 28, 2019, 6:40 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 11:59 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पावन अवसर पर आज सुबह साढ़े आठ बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इसके लिए बाबा केदार के मंदिर को हजारों टन फूलों से सजाया गया है. वहीं, बाबा केदार की हिमालय से विदाई करने के लिए हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे हैं. जो बाबा डोली की पैदल यात्रा में शीतकालीन गददीस्थल तक साथ चलेंगे.

आज बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट.

बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली हिमालय से रवाना होकर लिनचोली, जंगलचटटी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों से होते हुए पहले रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी.

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान से बंद, 6 महीने तक मुखबा में होंगे दर्शन

जिसके बाद 30 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, मैखंडा, नारायण कोटी, नाला यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी.

जबकि, आगामी 31 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रवाना दोपहर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी और एक नवंबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी.

ये भी पढ़ेंः सोमवती अमावस्या: श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में भगवान केदार के कपाट बंद होने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. मंगलवार सुबह बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को अनेक पूजार्थ सामाग्रियों से समाधि दी जाएगी. जिसके बाद शुभ मुहूर्त पर साढ़े आठ बजे बाबा केदार के कपाट बंद होंगे.

कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली मंदिर की परिक्रमा करने के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना होगी. इससे पहले शनिवार को केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक बाबा भैरवनाथ के कपाट बंद कर दिए गए थे. जबकि, केदारनाथ धाम में दीपावली का त्योहार भी धूमधाम से मनाया गया.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पावन अवसर पर आज सुबह साढ़े आठ बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इसके लिए बाबा केदार के मंदिर को हजारों टन फूलों से सजाया गया है. वहीं, बाबा केदार की हिमालय से विदाई करने के लिए हजारों श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे हैं. जो बाबा डोली की पैदल यात्रा में शीतकालीन गददीस्थल तक साथ चलेंगे.

आज बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट.

बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल भगवान केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली हिमालय से रवाना होकर लिनचोली, जंगलचटटी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों से होते हुए पहले रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी.

ये भी पढ़ेंः गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान से बंद, 6 महीने तक मुखबा में होंगे दर्शन

जिसके बाद 30 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, मैखंडा, नारायण कोटी, नाला यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी.

जबकि, आगामी 31 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रवाना दोपहर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी और एक नवंबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी.

ये भी पढ़ेंः सोमवती अमावस्या: श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, गंगा घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में भगवान केदार के कपाट बंद होने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. मंगलवार सुबह बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को अनेक पूजार्थ सामाग्रियों से समाधि दी जाएगी. जिसके बाद शुभ मुहूर्त पर साढ़े आठ बजे बाबा केदार के कपाट बंद होंगे.

कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली मंदिर की परिक्रमा करने के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना होगी. इससे पहले शनिवार को केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक बाबा भैरवनाथ के कपाट बंद कर दिए गए थे. जबकि, केदारनाथ धाम में दीपावली का त्योहार भी धूमधाम से मनाया गया.

Intro:

कल प्रात: साढ़े आठ बजे बंद होंगे बाबा केदार के कपाट
कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ पहुंचे हजारों भक्त
पहले रात्रि प्रवास के लिये रामपुर पहुंचेगी बाबा केदार की डोली

एंकर - द्वादश ज्योर्तिलिगो में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट भैयादूज के पावन अवसर पर कल सुबह प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिये जायंेगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंच मुखी चल विग्रह उत्सव डोली हिमालय से रवाना होकर लिनचोली, जंगलचटटी, गौरीकुण्ड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। तीस अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, मैखण्डा, नारायणकोटी, नाला यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 31 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रवाना दोपहर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी और एक नवंबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी।

Body:वहीं दूसरी ओर केदारनाथ में भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने की तैयारियां की गई हैं। भगवान केदारनाथ के मंदिर को हजारों टन फूलों से सजाया गया है। बाबा केदार की हिमालय से विदाई करने के लिये हजारो भक्त केदारनाथ पहुंचे हैं। जो बाबा डोली की पैदल यात्रा में शीतकालीन गददीस्थल तक साथ चलेंगे। मंगलवार प्रात: बाबा केदार के स्वयंभू लिंग को अनेक पूजार्थ सामाग्रियों से समाधि दी जायेगी। जिसके बाद ठीक साढ़े आठ बजे बाबा केदार के द्वार बंद होंगे। द्वार बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली मंदिर की परिक्रमा करने के बाद शीतकालीन गददीस्थल के लिये रवाना होगी। इससे पूर्व शनिवार को केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक बाबा भैरवनाथ के कपाट बंद कर दिये गये थे। इधर, केदारनाथ धाम में दीपावली का त्यौहार भी धूमधाम से मनाया गया।

बाइट 1 - आशुतोष रावत, कर्मचारी केदारनाथConclusion:
Last Updated : Oct 28, 2019, 11:59 PM IST
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