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आचार संहिता उल्लंघन मामले में हरक सिंह रावत ने दायर की याचिका, 18 दिसंबर को सुनवाई - Cabinet Minister Dr. Harak Singh Rawat

काबीना मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने जिला जज कोर्ट में सजा के विरुद्ध अपील दायर की है. इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई होनी है.

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आचार संहिता का उल्लंघन मामले में हरक सिंह रावत ने दायर की याचिका
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Published : Dec 4, 2020, 7:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा आईपीसी की धारा 143 में दी गई तीन माह की जेल की सजा के विरूद्ध काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने अपर जिला जज न्यायालय में अपील दायर की है. जिसकी 18 दिसंबर को सुनवाई होगी. इस दौरान कैबिनेट मंत्री की जमानत याचिका को कोर्ट ने स्वीकार किया. कोर्ट में अपील दायर करने के बाद काबीना मंत्री निजी कार्यक्रम के तहत एक शादी समारोह में पहुंचे. जिसके बाद वे सीधे देहरादून के लिए रवाना हुए.

आचार संहिता का उल्लंघन मामले में हरक सिंह रावत ने दायर की याचिका

बता दें कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में डाॅ. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के टिकट पर रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस दौरान उनकी चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों से झड़प हो गई थी. यह मामला आज भी कार्ट में चल रहा है . कोर्ट में पेश होने को लेकर काबीना मंत्री को रुद्रप्रयाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं. अक्सर वे कोर्ट में हाजिरी देने के समय गुप्त तरीके से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. इस बार उन्होंने अपना सरकारी कार्यक्रम बनाया.

पढ़ें- अगले हफ्ते शुरू होगा प्रोटो इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल, हैदराबाद से दून पहुंची पहली बस

कार्यक्रम के तहत शुक्रवार सुबह दस बजे उन्हें गढ़वाल मण्डल विकास निगम पहुंचना था, मगर वे डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे. जहां से वे सीधे कोर्ट चले गए. इसके बाद उन्हें एक बजे के करीब अधिकारियों की बैठक लेनी थी, लेकिन उन्होंने अधिकारियों की बैठक नहीं ली. वे अपने निजी कार्यक्रम के तहत एक शादी समारोह में चले गए. इससे पहले जिला न्यायालय रुद्रप्रयाग पहुंचे कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिहं रावत के अधिवक्ता ने इस साल दस नवंबर को सीजीएम कोर्ट की ओर से दी गई सजा के विरूद्ध अपर जिला जज कोर्ट में याचिका दायर की. अधिवक्ता केपी खन्ना ने कहा कि डाॅ. हरक सिंह रावत पर लगाए गए आरोप निराधार हैं, इसमें सजा का कोई औचित्य नहीं हैं.

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उन्होंने सीजीएम कोर्ट के निर्णय के विरूद्ध याचिका के साथ जमानत की अर्जी भी दाखिल की. जिसे अपर जिला जज नंदन सिंह राणा की अदालत ने स्वीकार किया. उन्होंने डाॅ. हरक सिंह रावत को जमानत देते हुए मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई तय कर उपस्थिति होने के निर्देश भी दिए हैं.

रुद्रप्रयाग: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा आईपीसी की धारा 143 में दी गई तीन माह की जेल की सजा के विरूद्ध काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने अपर जिला जज न्यायालय में अपील दायर की है. जिसकी 18 दिसंबर को सुनवाई होगी. इस दौरान कैबिनेट मंत्री की जमानत याचिका को कोर्ट ने स्वीकार किया. कोर्ट में अपील दायर करने के बाद काबीना मंत्री निजी कार्यक्रम के तहत एक शादी समारोह में पहुंचे. जिसके बाद वे सीधे देहरादून के लिए रवाना हुए.

आचार संहिता का उल्लंघन मामले में हरक सिंह रावत ने दायर की याचिका

बता दें कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में डाॅ. हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के टिकट पर रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस दौरान उनकी चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों से झड़प हो गई थी. यह मामला आज भी कार्ट में चल रहा है . कोर्ट में पेश होने को लेकर काबीना मंत्री को रुद्रप्रयाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं. अक्सर वे कोर्ट में हाजिरी देने के समय गुप्त तरीके से जिला मुख्यालय पहुंचते हैं. इस बार उन्होंने अपना सरकारी कार्यक्रम बनाया.

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कार्यक्रम के तहत शुक्रवार सुबह दस बजे उन्हें गढ़वाल मण्डल विकास निगम पहुंचना था, मगर वे डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे. जहां से वे सीधे कोर्ट चले गए. इसके बाद उन्हें एक बजे के करीब अधिकारियों की बैठक लेनी थी, लेकिन उन्होंने अधिकारियों की बैठक नहीं ली. वे अपने निजी कार्यक्रम के तहत एक शादी समारोह में चले गए. इससे पहले जिला न्यायालय रुद्रप्रयाग पहुंचे कैबिनेट मंत्री डाॅ. हरक सिहं रावत के अधिवक्ता ने इस साल दस नवंबर को सीजीएम कोर्ट की ओर से दी गई सजा के विरूद्ध अपर जिला जज कोर्ट में याचिका दायर की. अधिवक्ता केपी खन्ना ने कहा कि डाॅ. हरक सिंह रावत पर लगाए गए आरोप निराधार हैं, इसमें सजा का कोई औचित्य नहीं हैं.

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उन्होंने सीजीएम कोर्ट के निर्णय के विरूद्ध याचिका के साथ जमानत की अर्जी भी दाखिल की. जिसे अपर जिला जज नंदन सिंह राणा की अदालत ने स्वीकार किया. उन्होंने डाॅ. हरक सिंह रावत को जमानत देते हुए मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई तय कर उपस्थिति होने के निर्देश भी दिए हैं.

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