रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ और केदारनाथ नेशनल हाईवे को आपस में जोड़ने को लेकर बनाई जा रही सुरंग का कार्य तेजी से चल रहा है. मात्र सात महीने में पांच सौ मीटर से अधिक टनल का निर्माण कार्य हो गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर तक टनल का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अलकनंदा नदी पर लगभग दो सौ मीटर लंबे मोटरपुल का निर्माण कार्य किया जाएगा. टनल और पुल बनने के बाद बदरीनाथ व केदारनाथ हाईवे सीधे आपस में जुड़ जाएंगे और चारधाम यात्री रुद्रप्रयाग के बाहर से ही आवाजाही करेंगे.
156 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों की दिक्कतों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर इन दिनों तेजी से कार्य चल रहा है. योजना के तहत रुद्रप्रयाग में केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे को सीधे आपस में जोड़ने के लिये नौ सौ मीटर लंबी टनल और अलकनंदा नदी पर दो सौ मीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य 156 करोड़ की लागत से किया जा रहा है.
तीर्थ यात्रियों को जाम की समस्या से मिलेगी निजात: पुल और टनल बनने के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को रुद्रप्रयाग में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी. साथ ही कई किलोमीटर का अतिरिक्त सफर भी बचेगा. टनल के भीतर हाईवे की चौड़ाई 12 मीटर होगी और यह टू लाइन हाईवे होगा. रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है,इसलिए यात्रा सीजन में रुद्रप्रयाग में अत्यधिक वाहनों का दबाव रहता है और आये दिन जाम की समस्या बनी रहती है. जाम से निजात दिलाने के लिये रुद्रप्रयाग में बाईपास का निर्माण भी हुआ है, लेकिन बाईपास की दूरी अधिक है. जिससे चारधाम यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही आठ से दस किलोमीटर का अतिरिक्त सफर भी तय करना होता है.
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मौसम साफ होने के बाद निर्माण कार्य में आएगी तेजी: टनल और पुल का निर्माण कार्य कर रही भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के एजीएम अश्विनी कुमार ने बताया कि सुरंग का निर्माण कार्य आधे से ज्यादा हो चुका है, जबकि नवंबर तक सुरंग का कार्य पूरा होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि पुल निर्माण में मौसम बाधक बन रहा है. पुल का अभी तक बेस तैयार किया जा रहा है, लेकिन स्लाइडिंग होने के कारण इसमें दिक्कतें हो रही हैं. आगामी दिनों में मौसम साफ होने के बाद पुल निर्माण कार्य में भी तेजी लाई जाएगी. ये भी पढ़ें: हादसे के बाद जागा प्रशासन, अस्थायी दुकानों को किया ध्वस्त, कई को करवाया जा रहा खाली
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