रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में एक ओर भीषण ठंड के प्रकोप से लोग ठिठुर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर केदारघाटी में जंगल जल रहे हैं. घाटी के ऊखीमठ के जंगलों में भीषण आग (Fire in the forests of Ukhimath) लगी हुई है. आग को बुझाने के लिए वन विभाग कोई प्रयास नहीं कर रहा है. ऐसे में स्थानीय लोग ही स्वयं आग को बुझाने में जुटे हुए हैं. जंगल में लगी आग से लाखों की वन संपदा जलकर राख हो रही है. जिस कारण लोगों में वन विभाग के प्रति खासा आक्रोश बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अज्ञात व्यक्तियों की ओर से लगाई गई आग के कारण वन संपदा को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
बता दें कि, जिले के अधिकांश स्थानों पर शीतलहर चल रही है. प्रदेशभर में बीते एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड से लोग ठिठुर रहे हैं. वहीं केदारघाटी के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. यह आग घाटी के ऊखीमठ के जंगलों में लगी हुई है. वन पंचायत सरपंच पवन राणा, पूर्व सभासद बलवंत रावत और ग्रामीण गैणा लाल ने कहा कि केदारघाटी के ऊखीमठ के जंगल धूं-धूं कर जलकर राख हो रहे हैं. अज्ञात की ओर से लगाई गई आग के कारण वन संपदा को खासा नुकसान पहुंच रहा है. वन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि ठंड के बावजूद भी जंगलों में लगी आग से ग्रामीण खासे चिंतित हैं. आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है.
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ग्रामीण बिना संसाधनों के ही आग को बुझाने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है. जंगलों को बचाने के लिए धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है. जबकि आग ग्रामीण इलाकों तक भी पहुंच रही है. ऐसे में जिला प्रशासन और वन विभाग को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.