रुद्रप्रयाग: पर्वतीय इलाकों से लेकर निचले क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर गयी हैं. ऐसे में नदियों से सटे आवासीय भवनों तक पानी पहुंच गया है. मजबूरन लोगों ने अपने आशियाने छोड़ दिये हैं. इसके साथ ही जवाड़ी बाईपास पर एक पुल भी अलकनंदा नदी में बह गया.
अलर्ट पर एसडीआरएफ टीम
यह पुल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान काफी मददगार साबित हुआ था. वहीं, दूसरी और अलनकंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ने से कोटेश्वर मंदिर स्थित गुफा भी पानी में डूब गयी है. शिवनंदी में 64 भैरवनाथ धाम स्थित शिवालय भी पानी में डूब चुका है. आपदा प्रबंधन एवं एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं.
अलकनंदा और मंदाकिनी नदी में उफान
दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदी से लेकर सहायक नदियां भी उफान पर हैं. इस कारण इनसे सटे मकानों को खतरा है. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के बेलणी में अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से लोगों के आवासीय भवनों तक पानी पहुंच चुका है. इस कारण लोगों ने अपने आशियानों को छोड़ दिया है. अभी भी बारिश लगातार जारी है, जिससे लोगों को भय सताने में लगा है.
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लोगों को सता रहा आपदा का डर
नदियों में बढ़ते उफान और लगातार हो रही बारिश से लोगों को 2013 की केदारनाथ आपदा की याद आने लगी है. अलकनंदा एवं मंदाकिनी के संगम स्थल में चामुंडा मंदिर तक पानी आने से लोगों को काफी डर लग रहा है. अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो भारी नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जवाड़ी बाईपास पर बना पुल बहा
अलकनंदा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिस कारण लोग काफी भयभीत हैं. जवाड़ी बाईपास पर एक पुल भी नदी में बह गया है. यह पुल केदारनाथ आपदा के समय काफी मददगार साबित हुआ था. इसके बाद एनएच विभाग की ओर से यहां पर स्थाई पुल तैयार किया गया. आपदा प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीमें नदियों के जल स्तर पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों को सतर्क कर रही हैं.
डीएम ने किया प्रभावित क्षेत्र का दौरा
वहीं, भारी बारिश को देखते हुए जिलाधिकारी मनुज गोयल ने जनपद के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मुख्य मोटरमार्ग के बेलनी पुल सहित भाणाधार, नगर पालिका के ट्रेंचिंग ग्राउंड, नरकोटा के समीप बंद मोटर मार्ग और अगस्त्यमुनि आदि स्थानों का स्थलीय निरीक्षण किया. साथ ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रहने को कहा.