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प्रवासियों को मिलेगा रोजगार! आर्थिकी मजबूत करने के ये हैं उपाय

प्रवासियों के लिए उद्योग केंद्र भटवाड़ी सैंण में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां जिलाधिकारी वंदना सिंह ने प्रवासियों को पशुपालन के जरिये आर्थिकी को मजबूत करने के तकनीक सिखाए. साथ ही प्रवासियों से उनके लिए संचालित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कहा.

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प्रवासियों के लिए रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन.
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Published : Sep 3, 2020, 2:55 PM IST

रुद्रप्रयाग: पशुपालन विभाग की ओर से जिला उद्योग केंद्र भटवाड़ीसैंण के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के तहत प्रवासियों को विभागीय योजना के साथ ही प्रशिक्षण दिया गया. इस अवसर पर जिला अधिकारी वंदना सिंह ने प्रशिक्षण ले रहे प्रवासियों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, जिसमें प्रवासी अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड की प्राचीन ऐपण कला ने खोले रोजगार के नए दरवाजे

जिला अधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि जनपद के अधिकांश लोग काश्तकारी और पशु पालन से ही अपनी आजीविका चलाते हैं. अधिकांश परिवार प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पशुपालन पर आश्रित है, प्रवासी भी अपने रोजगार का साधन इसे बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि पशु व्यवसाय से आर्थिकी को सशक्त करने में अपार संभावनाएं हैं. प्रवासियों को जनपद में ही अच्छा रोजगार उपलब्ध हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रवासियों को सुझाव दिया कि क्लस्टर आधारित व अधिक संख्या में प्रवासी मुर्गी पालन, भेड़-बकरी पालन और पशुपालन करें.

वहीं, डीएम वंदना सिंह ने प्रवासियों के लिए संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की. इस दौरान प्रशिक्षण में उपस्थित प्रवासियों को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश नितवाल ने कुकुट, बकरी और गौ पालन की वैज्ञानिक व व्यावसायिक जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के लिए अपने गौशाला, बकरी और मुर्गी बाड़ा को विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुरूप ही बनाए.

रुद्रप्रयाग: पशुपालन विभाग की ओर से जिला उद्योग केंद्र भटवाड़ीसैंण के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के तहत प्रवासियों को विभागीय योजना के साथ ही प्रशिक्षण दिया गया. इस अवसर पर जिला अधिकारी वंदना सिंह ने प्रशिक्षण ले रहे प्रवासियों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, जिसमें प्रवासी अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं.

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जिला अधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि जनपद के अधिकांश लोग काश्तकारी और पशु पालन से ही अपनी आजीविका चलाते हैं. अधिकांश परिवार प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पशुपालन पर आश्रित है, प्रवासी भी अपने रोजगार का साधन इसे बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि पशु व्यवसाय से आर्थिकी को सशक्त करने में अपार संभावनाएं हैं. प्रवासियों को जनपद में ही अच्छा रोजगार उपलब्ध हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रवासियों को सुझाव दिया कि क्लस्टर आधारित व अधिक संख्या में प्रवासी मुर्गी पालन, भेड़-बकरी पालन और पशुपालन करें.

वहीं, डीएम वंदना सिंह ने प्रवासियों के लिए संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की. इस दौरान प्रशिक्षण में उपस्थित प्रवासियों को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी रमेश नितवाल ने कुकुट, बकरी और गौ पालन की वैज्ञानिक व व्यावसायिक जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के लिए अपने गौशाला, बकरी और मुर्गी बाड़ा को विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुरूप ही बनाए.

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