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IIT जोधपुर में सहायक प्रोफेसर बने अगस्त्यमुनि के देवेंद्र नेगी, जिले में खुशी - Uppsala University of Sweden

रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि के देवेंद्र सिंह नेगी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है. उनकी नियुक्ति आईआईटी जोधपुर के धातुकर्म एवं पदार्थ इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर हुई है. उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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अगस्त्यमुनि निवासी देवेंद्र नेगी
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Published : Dec 16, 2021, 5:24 PM IST

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि के देवेंद्र सिंह नेगी (Devendra Singh Negi) की नियुक्ति आईआईटी जोधपुर (IIT Jodhpur) के धातुकर्म एवं पदार्थ इंजीनियरिंग विभाग (Department of Metallurgical Engineering and Materials Science) में सहायक प्रोफेसर के पद पर होने पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है. उनकी इस उपलब्धि पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई देते दी है. लोगों ने कहा है कि उनकी सफलता अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी.

चिल्ड्रन एकेडमी एवं राइका अगस्त्यमुनि के छात्र रहे देवेंद्र सिंह नेगी ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर न सिर्फ विद्यालय का बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है. संसाधनों की कमी से जूझते हुए सफलता के शिखर पर पहुंचना आसान नहीं होता है लेकिन देवेंद्र ने वो कर दिखाया है, जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है. एक छोटे से कस्बे के अल्प संसाधनों के साथ संसाधनों से युक्त अन्य छात्रों से स्पर्धा करते हुए उनकी यह सफलता कई मायनों में बहुत बड़ी है.

आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश लेने के लिए ही कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना होता है. ऐसे में उस प्रतिष्ठित संस्थान में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए देवेंद्र को कितनी स्पर्धा करनी पड़ी होगी, यह उनकी सफलता से ही जाहिर होता है. मूल रूप से रूद्रप्रयाग जनपद की बसुकेदार तहसील के पठालीधार क्षेत्र के सिनघाटा गांव के निवासी देवेंद्र ने अगस्त्यमुनि में अपने पिता के साथ रहकर शिक्षा ग्रहण की है.

पढ़ें- हेलीकॉप्टर, जहाज और तोप से नहीं मिलेगी मजबूती, नागरिकों से सशक्त होगा देश: राहुल गांधी

देवेंद्र के पिता दिग्पाल सिंह नेगी उद्यान विभाग में अपर उद्यान अधिकारी के पद पर अगस्त्यमुनि में कार्यरत हैं, जबकि माता रजनी नेगी गृहणी हैं. दो भाइयों में बड़े देवेंद्र प्रारम्भ से ही होनहार छात्र रहे हैं. हाईस्कूल की परीक्षा चिल्ड्रन एकेडमी से 2003 में पास की जिसमें उन्होंने राज्य स्तर पर 13 वां स्थान प्राप्त किया, जबकि 12वीं की परीक्षा राइका अगस्त्यमुनि से 2005 में पास की. इस बार उन्होंने अपनी मेरिट में सुधार करते हुए राज्य स्तर पर 9वां स्थान हासिल किया.

देवेंद्र ने बीएससी की पढ़ाई राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि (Government Postgraduate College Agastyamuni) से की जबकि एमएससी (भौतिक विज्ञान) के लिए वे गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर (G.B. Pant University Of Agriculture And Technology, Pantnagar) गये.

प्रतिष्ठित नेट परीक्षा भी उन्होंने तीन बार पास की. जवाहर नेहरू अति आधुनिक वैज्ञानिक खोज संस्थान से पीएचडी करने के बाद दो साल तक स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी (Uppsala University of Sweden) में वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया. उसके बाद कई वर्षों तक जर्मनी के मैक्स प्लांक भौतिक विज्ञान संस्थान स्टुटगार्ट में वैज्ञानिक के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं.

रुद्रप्रयाग: अगस्त्यमुनि के देवेंद्र सिंह नेगी (Devendra Singh Negi) की नियुक्ति आईआईटी जोधपुर (IIT Jodhpur) के धातुकर्म एवं पदार्थ इंजीनियरिंग विभाग (Department of Metallurgical Engineering and Materials Science) में सहायक प्रोफेसर के पद पर होने पर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है. उनकी इस उपलब्धि पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई देते दी है. लोगों ने कहा है कि उनकी सफलता अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी.

चिल्ड्रन एकेडमी एवं राइका अगस्त्यमुनि के छात्र रहे देवेंद्र सिंह नेगी ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर न सिर्फ विद्यालय का बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है. संसाधनों की कमी से जूझते हुए सफलता के शिखर पर पहुंचना आसान नहीं होता है लेकिन देवेंद्र ने वो कर दिखाया है, जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है. एक छोटे से कस्बे के अल्प संसाधनों के साथ संसाधनों से युक्त अन्य छात्रों से स्पर्धा करते हुए उनकी यह सफलता कई मायनों में बहुत बड़ी है.

आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश लेने के लिए ही कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना होता है. ऐसे में उस प्रतिष्ठित संस्थान में सहायक प्रोफेसर बनने के लिए देवेंद्र को कितनी स्पर्धा करनी पड़ी होगी, यह उनकी सफलता से ही जाहिर होता है. मूल रूप से रूद्रप्रयाग जनपद की बसुकेदार तहसील के पठालीधार क्षेत्र के सिनघाटा गांव के निवासी देवेंद्र ने अगस्त्यमुनि में अपने पिता के साथ रहकर शिक्षा ग्रहण की है.

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देवेंद्र के पिता दिग्पाल सिंह नेगी उद्यान विभाग में अपर उद्यान अधिकारी के पद पर अगस्त्यमुनि में कार्यरत हैं, जबकि माता रजनी नेगी गृहणी हैं. दो भाइयों में बड़े देवेंद्र प्रारम्भ से ही होनहार छात्र रहे हैं. हाईस्कूल की परीक्षा चिल्ड्रन एकेडमी से 2003 में पास की जिसमें उन्होंने राज्य स्तर पर 13 वां स्थान प्राप्त किया, जबकि 12वीं की परीक्षा राइका अगस्त्यमुनि से 2005 में पास की. इस बार उन्होंने अपनी मेरिट में सुधार करते हुए राज्य स्तर पर 9वां स्थान हासिल किया.

देवेंद्र ने बीएससी की पढ़ाई राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि (Government Postgraduate College Agastyamuni) से की जबकि एमएससी (भौतिक विज्ञान) के लिए वे गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर (G.B. Pant University Of Agriculture And Technology, Pantnagar) गये.

प्रतिष्ठित नेट परीक्षा भी उन्होंने तीन बार पास की. जवाहर नेहरू अति आधुनिक वैज्ञानिक खोज संस्थान से पीएचडी करने के बाद दो साल तक स्वीडन की उप्साला यूनिवर्सिटी (Uppsala University of Sweden) में वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया. उसके बाद कई वर्षों तक जर्मनी के मैक्स प्लांक भौतिक विज्ञान संस्थान स्टुटगार्ट में वैज्ञानिक के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं.

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