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रुद्रप्रयाग: देर रात बादल फटने से सिरवाड़ी गांव में भारी तबाही, कई मकान क्षतिग्रस्त - Many houses in Sirwadi village damaged

रुद्रप्रगाग के सिरवाड़ी गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तो वहीं, पैदल रास्ते और पुलिया भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं.

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रुद्रप्रयाग में बादल फटा
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Published : Aug 10, 2020, 10:49 AM IST

Updated : Aug 10, 2020, 11:45 AM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद के दूरस्थ गांव सिरवाड़ी में देर रात बादल फटने से कई मकानों में मलबा घुस गया. वहीं कई घरों में भारी मलबा और बोल्डर गिरे हुये हैं. खेत-खलिहानों और रास्तों भी मलबे से पटे हुए हैं. ग्रामीणों ने रात को ही अपने घर खाली कर दिये हैं. बादल फटने की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.

देर रात बादल फटने से सिरवाड़ी गांव में भारी तबाही.

जानकारी मिली है कि सिरवाड़ी गांव में पहाड़ से मलबा आने से कई गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई. गांव को जोड़ने वाले पैदल रास्तों का कही कुछ पता नहीं है. गांव को जोड़ने वाला गोरपा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है. जिस कारण क्षेत्र की हजारों की आबादी घरों में ही कैद हो गई है. सिरवाड़ी गांव से कुछ आगे मोटरमार्ग पर स्थित पुलिया भी बारिश की भेंट चढ़ गई है.

पढ़ें- मसूरी: 200 मीटर गहरी खाई में गिरी जीप, चार लोग घायल

बता दें, साल 1986 में गांव में भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें 17 लोगों के मलबे में दबने से मौत हुई थी. जबकि 100 से ज्यादा पशुहानि हुई थी. तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने जियोलाॅजिकल सर्वे भी कराया था. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने गांव के विस्थापन की बात कही थी, लेकिन आजतक ग्रामीणों को विस्थापित नहीं किया गया है.

रुद्रप्रयाग: जनपद के दूरस्थ गांव सिरवाड़ी में देर रात बादल फटने से कई मकानों में मलबा घुस गया. वहीं कई घरों में भारी मलबा और बोल्डर गिरे हुये हैं. खेत-खलिहानों और रास्तों भी मलबे से पटे हुए हैं. ग्रामीणों ने रात को ही अपने घर खाली कर दिये हैं. बादल फटने की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.

देर रात बादल फटने से सिरवाड़ी गांव में भारी तबाही.

जानकारी मिली है कि सिरवाड़ी गांव में पहाड़ से मलबा आने से कई गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई. गांव को जोड़ने वाले पैदल रास्तों का कही कुछ पता नहीं है. गांव को जोड़ने वाला गोरपा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है. जिस कारण क्षेत्र की हजारों की आबादी घरों में ही कैद हो गई है. सिरवाड़ी गांव से कुछ आगे मोटरमार्ग पर स्थित पुलिया भी बारिश की भेंट चढ़ गई है.

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बता दें, साल 1986 में गांव में भी बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें 17 लोगों के मलबे में दबने से मौत हुई थी. जबकि 100 से ज्यादा पशुहानि हुई थी. तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने जियोलाॅजिकल सर्वे भी कराया था. जिसके बाद वैज्ञानिकों ने गांव के विस्थापन की बात कही थी, लेकिन आजतक ग्रामीणों को विस्थापित नहीं किया गया है.

Last Updated : Aug 10, 2020, 11:45 AM IST
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