रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली (baba kedar utasav doli) शीतकालीन गद्दीस्थल विराजमान हो गई है. विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी (Vishwanath Temple Guptkashi) में द्वितीय रात्रि प्रवास के बाद आज सुबह 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने प्रस्थान किया और बारह बजे के करीब डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ पहुंची. वहीं, भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर (Winter Seat Omkareshwar Temple) आगमन पर सैकड़ों भक्तों ने डोली का पुष्प-अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया. ऐसे में अब शीतकाल के छह माह यहीं पर भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी.
बता दें कि 27 अक्टूबर भैयादूज के पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये थे और पंचमुखी उत्सव डोली यात्रा ने पहला रात्रि प्रवास रामपुर में किया था. इसके बाद द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंची. आज सुबह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया और डोली करीब बारह बजे ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची. डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर रावल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग का 6 माह केदारनाथ में विधि-विधान से पूजा करने पर आशीर्वाद दिया.
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वहीं, भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ आगमन पर स्थानीय जनता ने केदार महोत्सव का आयोजन भी किया. केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंच गई है. इस वर्ष यात्रा ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जहां यात्रा में 15 लाख 63 हजार श्रद्धालु पहुंचे. वहीं, भगवान केदारनाथ के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया.
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को केदारनाथ मंदिर के अलौकिक दर्शन प्राप्त होंगे. उन्होंने बताया कि आपदा के समय पंचमुखी डोली पर पहनाये जाने वाला सोने का मुकुट भी खराब हो गया था. ऐसे में भक्तों ने पिछले वर्ष नया मुकुट बनाया है. इस मुकुट से भी पंचमुखी डोली की शोभा बड़ी है. उन्होंने बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में ग्रीष्मकाल के 6 माह में 68 हजार 889 भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी.