रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी में लगातार बारिश होने से चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग के तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्यालों में नव ऊर्जा का संचार होने से बुग्यालों की सुन्दरता पर चार चांद लग गए हैं. साथ ही इस पैदल मार्ग पर जगह-जगह अनेक प्रजाति के पुष्प खिलने से तुंगनाथ धाम में बसा भूभाग स्वर्ग के समान महसूस हो रहा है. यहां पहुंचने वाले तीर्थ यात्री व सैलानी यहां की प्राकृतिक छटा से रूबरू होकर अपनेआप को धन्य महसूस कर रहा है.
खुशनुमा हुआ घाटी का माहौल: इन दिनों तुंगनाथ घाटी में समय-समय पर हो रही बारिश के कारण अधिकांश भू-भाग हरियाली व अनेक प्रजाति के पुष्पों से सुसज्जित होने के कारण बहुत ही सुंदर लग रहा है. जिससे तुंगनाथ धाम पहुंचने वाला तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना का पुण्य अर्जित करने के साथ ही यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य से भी रुबरु हो रहा है. प्रधान मक्कूमठ विजयपाल नेगी ने बताया कि इन दिनों तुंगनाथ घाटी का वतावरण खुशनुमा बना हुआ है. सुरम्य मखमली बुग्याल हरियाली से आच्छादित होने से तुंगनाथ घाटी की सुन्दरता पर चार चांद लगे हुए है. उन्होंने बताया चोपता-तुंगनाथ पैदल मार्ग पर अनेक प्रजाति के पुष्प खिलने से यहां की प्राकृतिक छटा से रूबरू होने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री व सैलानी तुंगनाथ घाटी पहुंच रहे हैं.
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यात्री ले रहे हैं आनंद: शिक्षाविद् धीर सिंह नेगी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी पहुंचने पर मन्द-मन्द कैलाशी बयार भटके मन को अपार आनन्द की अनुभूति कराती है. यूपी मेरठ से तुंगनाथ घाटी पहुंचे यात्रि ने बताया कि तुंगनाथ घाटी के पग-पग को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है. इसलिए तुंगनाथ घाटी में बार-बार आने की लालसा बनी रहती है. हरियाणा पानीपत से तुंगनाथ घाटी पहुंचे अमित सोनी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी के शीर्ष पर बसे चन्द्र शिला से प्रकृति का नयनाभिराम देखने से सचमुच स्वर्ग का ऐसा होता है. इसीलिए इस माटी को देवभूमि या स्वर्ग भूमि के नाम से जाना जाता है.