रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल का दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. गुरुवार को उन्होंने अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियों गिनाई. इस दौरान बेंजवाल ने कहा कि उनके अगस्त्यमुनि को आदर्श नगर पंचायत बनाने का प्रयास जारी है. आय के संसाधन न्यून होने के बावजूद नगर पंचायत के सभी वार्डों में विकास के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि नगर के सभी घर और दुकानों से शत प्रतिशत जैविक एवं अजैविक कूड़े को अलग-अलग करके उठाया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप स्वच्छता के लिए नगर पंचायत को भारत सरकार की स्वच्छता प्रतियोगिता में राष्ट्रपति द्वारा 2019 में स्वच्छ सिटी पुरस्कार और बेस्ट सिटी इन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का पुरस्कार मिला है. राज्य सरकार के द्वारा भी 2018-19 में अटल निर्मल नगर के तौर पर उन्हें प्रथम पुरस्कार के रूप में दस लाख रूपए नकद और पचास लाख रूपए विकास कार्यों के लिए प्राप्त हुआ था.
नगर पंचायत (नपं) को खुद की आय से विकास कार्य करने होते हैं. इसके लिए नपं को अपनी आय बढ़ानी होती है. नपं को 2018-19 में अपने समस्त संसाधनों से 11 लाख की आय हुई थी, जिसे 2019-20 में बढ़ाकर 27 लाख कर दिया गया है. इसे और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है. नपं ने 2019-20 में 44 टन अजैविक कूड़े को बेचकर 2.20 लाख रूपए की आय प्राप्त की. जबकि 2020-21 में अब तक 47 टन कूड़े को बेचकर 2.62 लाख रूपए आय प्राप्त की जा चुकी है. 6.28 टन एमएलपी प्लास्टिक राजस्थान सीमेंट फैक्ट्री को भेजा जा चुका है.
नगर क्षेत्र में 149 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. 100 आवास पूर्ण हो चुके हैं और अन्य प्रगति पर हैं. वार्ड छह के भगवती सिंह के आवास को राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट हाउस कंसट्रक्शन में प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया है. नगर में लकड़ी का टाल, पार्किंग और रैन बसेरा बनाये जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में अपग्रेड होने से जनता की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड में जंगलों की आग की रिपोर्ट तलब, तीन महीनों की घटनाओं का होगा विश्लेषण
मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी
मयकोटी-तिलवाड़ा मोटरमार्ग निर्माण के दो साल बाद भी ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. ग्राम प्रधान अमित प्रदाली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई से मुलाकात कर शीघ्र मुआवजे दिये जाने की मांग की.
बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मयकोटी-तिलवाड़ा 15 किमी मोटरमार्ग का निर्माण किया गया था. मोटरमार्ग निर्माण से ग्रामीणों के सिंचित व असिंचित खेतों को तबाह किया गया और दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया. ग्रामीणों की ओर से कई बार विभागीय अभियंताओं से मुलाकात कर लिखित एवं मौखिक रूप से कहा गया, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पाई, ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रधान मयकोटी और प्रधान संगठन के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अमित प्रदाली के नेतृत्व में अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई से मुलाकात की और शीघ्र मुआवजा दिये जाने को कहा.