रुद्रप्रयागः इस साल उत्तराखंड में रिकार्ड तोड़ बर्फबारी हुई है. केदारनाथ धाम में इन दिनों काफी बर्फ जमी हुई है. आगामी 9 मई को धाम के कपाट खोले जाने हैं. ऐसे में यात्रा शुरू होने में कम ही दिन बचे हैं. इसी को लेकर प्रशासन और बदरी-केदार मंदिर समिति बर्फ हटाने में जुटी है. मंदिर समिति का एडवांस दल इन दिनों केदारनाथ मंदिर परिसर और चबूतरे से बर्फ हटाने का कार्य कर रही है. उधर प्रशासन मार्ग सुचारू करने समेत बिजली आपूर्ति, पेयजल व्यवस्था आदि दुरुस्त करने में लगा है.
बता दें कि आगामी 9 मई को आदि गुरू शंकराचार्य की जयंती के अवसर पर सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. ऐसे में कपाट खुलने में तीन हफ्ते से भी कम का समय बचा हुआ है. इसी को लेकर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मंदिर के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल और मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के निर्देश पर बीते 14 अप्रैल को समिति का अग्रिम दल केदारनाथ पहुंचा. यह दल इन दिनों मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का कार्य कर रहा है. साथ ही विश्राम गृहों की साफ-सफाई के साथ यात्री टिन शेडों की मरम्मत की जा रही है.
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इस बार बर्फबारी से केदारनाथ धाम में काफी नुकसान हुआ है. पैदल मार्ग के साथ ही केदारनाथ में स्थित दुकानें बर्फ से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जबकि हेलीपैड पर यात्रियों के ठहरने के लिये बनाए गये भवन की छत भी बर्फ से टूट गई है. पैदल मार्ग पर बने रेन शल्टर को भी नुकसान पहुंचा है. साथ ही कई आवासीय भवनों को भी क्षति पहुंची है. ऐसे में प्रशासन और मंदिर समिति कपाट खुलने से पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा है.
मंदिर समिति के कर्मी लोकेंद्र रिवाड़ी ने बताया कि केदारनाथ में बीते दिन भी बर्फवारी हुई है. जिससे बर्फ हटाने के बावजूद फिर से बर्फ जम गई है, लेकिन मंदिर समिति का अग्रिम दल मंदिर परिसर और आसपास से बर्फ हटाने में जुटा है. उन्होंने बताया कि मंदिर समिति का कार्यालय, भंडार, पुजारी निवास के लिए बने फेब्रिकेटेड हट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने कहा कि केदारनाथ में अग्रिम दल कार्यों में जुटा है. कपाट खुलने तक व्यवस्थाओं को सुचारू किया जायेगा.