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केदारनाथ यात्रा पर आए 2 तीर्थयात्रियों की मौत, मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 41 - उत्तराखंड पर्यटन

केदारनाथ यात्रा में अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौतें हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा मौतें हृदय गति रुकने से हुईं हैं. जबकि कई यात्रियों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. जिससे भी उनकी मौत हुई है.

केदारनाथ यात्रा पर आए 2 तीर्थयात्रियों की मौत
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Published : Jun 23, 2019, 4:50 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पर आए दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. यात्रा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. यात्रा में सबसे ज्यादा मौत हृदय गति रुकने से हुई है. वहीं, सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा पर राजस्थान से यात्रियों का एक दल आया था. पहाड़ी चढ़ने के दौरान 56 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद की अचानक तबीयत खराब हो गई. मौके पर मौजूद परिजनों ने उन्हें राजकीय एलोपैथिक हॉस्पिटल गुप्तकाशी पहुंचाया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ धाम में एक बुजुर्ग राम अयोध्या पांडे की तबीयत खराब हो जाने के कारण परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उधर, पुलिस ने शव को केदारनाथ से हेलीकॉप्टर के जरिए फाटा पहुंचाया. जिसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतकों के नाम-

  1. रामेश्वर प्रसाद(56), बाला जी चौकी, गंगापुर नगर, जिला-सवाई माधोपुर (राजस्थान)
  2. राम अयोध्या पांडे (85), गोरपा, चोरीआरा, जिला-आरा भोजपुर (बिहार)

गौर हो कि केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से ही अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 33 तीर्थयात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है. जबकि सड़क हादसे में चार यात्रियों ने अपनी जान गंवाई. इसके अलावा दो तीर्थयात्रियों के ऊपर चट्टान गिरने और एक यात्री की ठंड लगने से हुई. वहीं, एक यात्री की मौत जहर खाने से हो चुकी है. केदार यात्रा में हृदय गति रुकने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.

ये भी पढ़ेंः मुख्य सचिव ने उत्तरकाशी से की जल संचयन की शुरुआत, अधिकारियों और ग्रामीणों को दिलायी शपथ

इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए काफी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं. शुरुआत में हेली सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाई थी. यात्रा के एक हफ्ते बाद धाम के लिए हेली सेवाएं शुरू हुई थी. ऐसे में कुछ तीर्थयात्रियों की मौत पैदल चलने से भी मौत हुई है. ज्यादातर तीर्थयात्रियों की मौत सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण हुई है.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि हाई एल्टीट्यूड होने के कारण केदारनाथ में सांस लेने में की दिक्कतें होती है. इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं. साथ ही तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यात्रियों के लिए अलाव की भी व्यवस्था की गई है. जिससे अत्यधिक ठंड से बचाया जा सके.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पर आए दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. यात्रा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. यात्रा में सबसे ज्यादा मौत हृदय गति रुकने से हुई है. वहीं, सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा पर राजस्थान से यात्रियों का एक दल आया था. पहाड़ी चढ़ने के दौरान 56 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद की अचानक तबीयत खराब हो गई. मौके पर मौजूद परिजनों ने उन्हें राजकीय एलोपैथिक हॉस्पिटल गुप्तकाशी पहुंचाया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ धाम में एक बुजुर्ग राम अयोध्या पांडे की तबीयत खराब हो जाने के कारण परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उधर, पुलिस ने शव को केदारनाथ से हेलीकॉप्टर के जरिए फाटा पहुंचाया. जिसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतकों के नाम-

  1. रामेश्वर प्रसाद(56), बाला जी चौकी, गंगापुर नगर, जिला-सवाई माधोपुर (राजस्थान)
  2. राम अयोध्या पांडे (85), गोरपा, चोरीआरा, जिला-आरा भोजपुर (बिहार)

गौर हो कि केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से ही अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 33 तीर्थयात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है. जबकि सड़क हादसे में चार यात्रियों ने अपनी जान गंवाई. इसके अलावा दो तीर्थयात्रियों के ऊपर चट्टान गिरने और एक यात्री की ठंड लगने से हुई. वहीं, एक यात्री की मौत जहर खाने से हो चुकी है. केदार यात्रा में हृदय गति रुकने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.

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इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए काफी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं. शुरुआत में हेली सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाई थी. यात्रा के एक हफ्ते बाद धाम के लिए हेली सेवाएं शुरू हुई थी. ऐसे में कुछ तीर्थयात्रियों की मौत पैदल चलने से भी मौत हुई है. ज्यादातर तीर्थयात्रियों की मौत सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण हुई है.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि हाई एल्टीट्यूड होने के कारण केदारनाथ में सांस लेने में की दिक्कतें होती है. इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं. साथ ही तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यात्रियों के लिए अलाव की भी व्यवस्था की गई है. जिससे अत्यधिक ठंड से बचाया जा सके.

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केदारनाथ यात्रा पर आए 2 तीर्थयात्रियों की मौत, मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 41 

रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा पर आए दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है. यात्रा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है. यात्रा में सबसे ज्यादा मौत हृदय गति रुकने से हुई है. वहीं, सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.

जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा पर राजस्थान से यात्रियों का एक दल आया था. पहाड़ी चढ़ने के दौरान 56 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद की अचानक तबीयत खराब हो गई. मौके पर मौजूद परिजनों ने उन्हें राजकीय एलोपैथिक हॉस्पिटल गुप्तकाशी पहुंचाया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ धाम में एक बुजुर्ग राम अयोध्या पांडे की तबीयत खराब हो जाने के कारण परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. उधर, पुलिस ने शव को केदारनाथ से हेलीकॉप्टर के जरिए फाटा पहुंचाया. जिसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. 

मृतकों के नाम-

1.    रामेश्वर प्रसाद(56), बाला जी चौकी, गंगापुर नगर, जिला-सवाई माधोपुर (राजस्थान)

2.     राम अयोध्या पांडे (85), गोरपा,  चोरीआरा, जिला-आरा भोजपुर (बिहार)

गौर हो कि केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से ही अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 33 तीर्थयात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है. जबकि सड़क हादसे में चार यात्रियों ने अपनी जान गंवाई. इसके अलावा दो तीर्थयात्रियों के ऊपर चट्टान गिरने और एक यात्री की ठंड लगने से हुई. वहीं, एक यात्री की मौत जहर खाने से हो चुकी है. केदार यात्रा में हृदय गति रुकने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. 

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इस बार केदारनाथ यात्रा के लिए काफी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं. शुरुआत में हेली सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाई थी. यात्रा के एक हफ्ते बाद धाम के लिए हेली सेवाएं शुरू हुई थी. ऐसे में कुछ तीर्थयात्रियों की मौत पैदल चलने से भी मौत हुई है. ज्यादातर तीर्थयात्रियों की मौत सही समय पर इलाज ना मिलने के कारण हुई है.  

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि हाई एल्टीट्यूड होने के कारण केदारनाथ में सांस लेने में की दिक्कतें होती है. इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर रखे गए हैं. साथ ही तीर्थयात्रियों की हरसंभव मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यात्रियों के लिए अलाव की भी व्यवस्था की गई है. जिससे अत्यधिक ठंड से बचाया जा सके.

Summery_केदारनाथ यात्रा में अब तक 41 तीर्थयात्रियों की मौतें हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा मौतें हृदय गति रुकने से हुईं हैं. जबकि कई यात्रियों को समय पर इलाज नहीं मिल पाया. जिससे भी उनकी मौत हुई है. 

    

    


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