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पहाड़ की पीड़ा! पिथौरागढ़ में बीमार महिला को डोली में पहुंचाया अस्पताल, 10 किमी पैदल चले गांव वाले

पहाड़ों के दूरस्थ गांवों की खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर खींचती है. लेकिन इस खूबसूरती के पीछे का दर्द क्या होता है, ये शायद आप नहीं जानते होंगे. पहाड़ में जीवन कितना मुश्किल है, ये अंदाजा पिथौरागढ़ से सामने आई तस्वीरों से लगाया जा सकता है. यहां ग्रामीण एक बीमार महिला को 10 किलोमीटर पैदल अपने कंधों पर ढोकर अस्पताल ले गए.

Sick woman to Hospital on Doli
पहाड़ की पीड़ा
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Published : Oct 26, 2022, 11:16 AM IST

पिथौरागढ़ः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के रहवासियों का जीवन किसी पहाड़ से कम नहीं है. उनकी पीड़ा किसी से छिपी नहीं है. इस पीड़ा को वो ही महसूस कर सकते हैं, जो मरीजों को कंधों पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चलते हैं. ऐसी की एक तस्वीर सीमांत जनपद पिथौरागढ़ से सामने आई है. यहां ग्रामीणों ने बीमार महिला को करीब 10 किलोमीटर पैदल ही डोली के सहारे सड़क मार्ग तक पहुंचाया. इसके बाद इस महिला को अस्पताल ले जाया गया.

जानकारी के मुताबिक, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में आपदा को बीते 6 महीने हो चुके हैं. इसके बावजूद अभी तक खुली-झापुली से बोना मोटर मार्ग नहीं खुल पाया है. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. बीती रोज ग्रामसभा बोना की उमा देवी की अचानक तबीयत खराब हो हुई. सड़क मार्ग जगह-जगह बंद होने से ग्रामीणों के सामने महिला को अस्पताल पहुंचाने की चुनौती खड़ी हो गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने डोली तैयार की और पैदल ही बीमार महिला को कंधे पर उठाकर अस्पताल की ओर निकल पड़े.
ये भी पढ़ेंः कंधों पर मरीज ढो रहा सपनों का उत्तराखंड, सरकारी दावों को आइना दिखाती तस्वीर

ग्रामीणों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर बीमार महिला को करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर डोली के सहारे (Villagers Took Sick woman to Hospital on Doli) सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल को भेजा गया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वो कई बार उपजिलाधिकारी मुनस्यारी और लोनिवि विभाग डीडीहाट के अधिशासी अभियंता से मोटर मार्ग खोलने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई उनकी सुध नहीं ले रहा है.

उनका कहना है कि मार्ग जगह-जगह बंद है. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. अगर कोई गांव में बीमार पड़ता या घायल आदि होता है तो उसे इसी तरह से अस्पताल ले जाना पड़ता है. उन्होंने जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से सड़क मार्ग खोलने की गुहार लगाई है. बताया जा रहा कि उस मोटर मार्ग से बोना, गोल्फा समेत कई ग्राम सभाओं का संपर्क मार्ग भी जुड़ा हुआ है.

पिथौरागढ़ः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के रहवासियों का जीवन किसी पहाड़ से कम नहीं है. उनकी पीड़ा किसी से छिपी नहीं है. इस पीड़ा को वो ही महसूस कर सकते हैं, जो मरीजों को कंधों पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चलते हैं. ऐसी की एक तस्वीर सीमांत जनपद पिथौरागढ़ से सामने आई है. यहां ग्रामीणों ने बीमार महिला को करीब 10 किलोमीटर पैदल ही डोली के सहारे सड़क मार्ग तक पहुंचाया. इसके बाद इस महिला को अस्पताल ले जाया गया.

जानकारी के मुताबिक, पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में आपदा को बीते 6 महीने हो चुके हैं. इसके बावजूद अभी तक खुली-झापुली से बोना मोटर मार्ग नहीं खुल पाया है. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. बीती रोज ग्रामसभा बोना की उमा देवी की अचानक तबीयत खराब हो हुई. सड़क मार्ग जगह-जगह बंद होने से ग्रामीणों के सामने महिला को अस्पताल पहुंचाने की चुनौती खड़ी हो गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने डोली तैयार की और पैदल ही बीमार महिला को कंधे पर उठाकर अस्पताल की ओर निकल पड़े.
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ग्रामीणों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर बीमार महिला को करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर डोली के सहारे (Villagers Took Sick woman to Hospital on Doli) सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल को भेजा गया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वो कई बार उपजिलाधिकारी मुनस्यारी और लोनिवि विभाग डीडीहाट के अधिशासी अभियंता से मोटर मार्ग खोलने की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई उनकी सुध नहीं ले रहा है.

उनका कहना है कि मार्ग जगह-जगह बंद है. जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. अगर कोई गांव में बीमार पड़ता या घायल आदि होता है तो उसे इसी तरह से अस्पताल ले जाना पड़ता है. उन्होंने जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से सड़क मार्ग खोलने की गुहार लगाई है. बताया जा रहा कि उस मोटर मार्ग से बोना, गोल्फा समेत कई ग्राम सभाओं का संपर्क मार्ग भी जुड़ा हुआ है.

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