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दौलावलिया-रावलखेत सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप, कार्रवाई की मांग - Irregularity in berinag road construction

बेरीनाग के दौलावलिया-रावलखेत सड़क निर्माण में हो रही अनियमितताओं की जांच को लेकर जनप्रतिनिधियों और स्ठानीय लोग अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार प्रार्थना पत्र भेज चुके हैं. बावजूद इसके सड़क की जांच नहीं हो रही है.

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दौलावलिया रावलखेत सड़क निर्माण
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Published : Dec 12, 2020, 1:01 PM IST

बेरीनाग: 8 करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से बन रही रावलखेत-दौलावलिया सड़क में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिल रही है. सड़क निर्माण में अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा लगातार आवाज उठायी जा रही है. जनप्रतिनिधियों और स्ठानीय लोग अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार प्रार्थना पत्र भेज चुके हैं. बावजूद सड़क की जांच नहीं हो रही है. जिससे इस निर्माण पर सवालिया निशान उठ रहे हैं.

गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला, एनपीसीसी चंपावत खंड और मुनस्यारी खंड के उच्चाधिकारियों ने सड़क की अनियमितताओं की जांच के लिए कार्यदायी संस्था के अभियंता जसवीर सिंह, कनिष्ठ अभियंता यशपाल सिंह और कुछ जनप्रतिनिधियों को मौके पर भेजा. जहां ग्रामीण पहले से ही जांच टीम का इंतजार कर रहे थे. एनपीसीसी के सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता तथा कनिष्ठ अभियन्ता के द्वारा पातालभुवनेश्वर से दौलावलिया-रावलखेत मोटर मार्ग में फेस-2 पर हो रहे कार्य की अनियमितताओं को देखने के बावजूद भी अधिकारियों ने अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि उल्टा जांच टीम ने लोगों से सवाल किया कि इसमें क्या होना चाहिए और आप लोगों को क्या चाहिए? इसके जवाब में ग्रामीणों ने कहा कि सड़क के ऊपर सीसी को पुनः डाला जाए. इस पर ठेकेदार के मुंशी पाण्डे का कहना था कि यदि मुझे दोबारा सीसी करना पड़ेगा तो मैं काम छोड़कर चला जाऊंगा.

ये भी पढ़ें: IMA POP: देश को मिले 325 जवान, देवभूमि से 24 अफसर, पंजाब के वतनदीप सिद्धू को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर

रावलखेत ग्राम प्रधान रेखा देवी, ग्राम पंचायत सदस्य चंपा खाती, उपप्रधान रोशनी देवी, दरबान सिंह व शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. जिसमें 2 दिसंबर 2020 को आई जांच टीम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जांच रिपोर्ट और अनियमितताओं की जानकारी नहीं दिए जाने का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत बनने वाली सड़क के डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता के विषय में 2 दिसंबर 2020 को उपजिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री व पिथौरागढ़ के मुख्य विकास अधिकारी को पत्र द्वारा संपूर्ण जानकारी दी थी.

वहीं, मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. एनपीसीसी विभाग मुनस्यारी के अधिशासी अभियन्ता अभिषेक यादव ने बताया कि चंपावत खंड, मुनस्यारी खंड के अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियन्ता मौके पर जांच के लिए गए थे. जुलाई माह में प्रथम कोट में जहां-जहां पत्थर बिछाया गया था, उसको निकालकर उच्च क्वालिटी की रोड़ी डाली गयी है. जहां-जहां भी ठेकेदार द्वारा अनियमितता बरती गयी है उसका सुधारीकरण हर हाल में ठेकेदार से करवाया जाएगा. सड़क में 15 मीटर का जो पैच है, उसमें अनियमितता पाए जाने पर ठेकेदार पर पैनाल्टी लगायी जाएगी.

वहीं, अधिशासी अभियंता का कहना है कि वह जल्द ही सड़क निर्माण कार्यों की जांच के लिए कार्य स्थल पर जाएंगे. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता को कार्य स्थल पर बुलाकर सड़क में हुई अनियमितताओं को हर हाल में ठेकेदार से ठीक करवाएंगे. सड़क की गुणवत्ता का हर हाल में ख्याल रखा जाएगा. अब मामले में पारदर्शिता के साथ कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई की जाती है या नहीं यह आने वाला समय ही बताएगा.

बेरीनाग: 8 करोड़ 57 लाख रुपए की लागत से बन रही रावलखेत-दौलावलिया सड़क में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिल रही है. सड़क निर्माण में अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा लगातार आवाज उठायी जा रही है. जनप्रतिनिधियों और स्ठानीय लोग अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार प्रार्थना पत्र भेज चुके हैं. बावजूद सड़क की जांच नहीं हो रही है. जिससे इस निर्माण पर सवालिया निशान उठ रहे हैं.

गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला, एनपीसीसी चंपावत खंड और मुनस्यारी खंड के उच्चाधिकारियों ने सड़क की अनियमितताओं की जांच के लिए कार्यदायी संस्था के अभियंता जसवीर सिंह, कनिष्ठ अभियंता यशपाल सिंह और कुछ जनप्रतिनिधियों को मौके पर भेजा. जहां ग्रामीण पहले से ही जांच टीम का इंतजार कर रहे थे. एनपीसीसी के सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता तथा कनिष्ठ अभियन्ता के द्वारा पातालभुवनेश्वर से दौलावलिया-रावलखेत मोटर मार्ग में फेस-2 पर हो रहे कार्य की अनियमितताओं को देखने के बावजूद भी अधिकारियों ने अनियमितताओं को नजरअंदाज किया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि उल्टा जांच टीम ने लोगों से सवाल किया कि इसमें क्या होना चाहिए और आप लोगों को क्या चाहिए? इसके जवाब में ग्रामीणों ने कहा कि सड़क के ऊपर सीसी को पुनः डाला जाए. इस पर ठेकेदार के मुंशी पाण्डे का कहना था कि यदि मुझे दोबारा सीसी करना पड़ेगा तो मैं काम छोड़कर चला जाऊंगा.

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रावलखेत ग्राम प्रधान रेखा देवी, ग्राम पंचायत सदस्य चंपा खाती, उपप्रधान रोशनी देवी, दरबान सिंह व शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा. जिसमें 2 दिसंबर 2020 को आई जांच टीम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जांच रिपोर्ट और अनियमितताओं की जानकारी नहीं दिए जाने का आरोप लगाया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत बनने वाली सड़क के डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता के विषय में 2 दिसंबर 2020 को उपजिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री व पिथौरागढ़ के मुख्य विकास अधिकारी को पत्र द्वारा संपूर्ण जानकारी दी थी.

वहीं, मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. एनपीसीसी विभाग मुनस्यारी के अधिशासी अभियन्ता अभिषेक यादव ने बताया कि चंपावत खंड, मुनस्यारी खंड के अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियन्ता मौके पर जांच के लिए गए थे. जुलाई माह में प्रथम कोट में जहां-जहां पत्थर बिछाया गया था, उसको निकालकर उच्च क्वालिटी की रोड़ी डाली गयी है. जहां-जहां भी ठेकेदार द्वारा अनियमितता बरती गयी है उसका सुधारीकरण हर हाल में ठेकेदार से करवाया जाएगा. सड़क में 15 मीटर का जो पैच है, उसमें अनियमितता पाए जाने पर ठेकेदार पर पैनाल्टी लगायी जाएगी.

वहीं, अधिशासी अभियंता का कहना है कि वह जल्द ही सड़क निर्माण कार्यों की जांच के लिए कार्य स्थल पर जाएंगे. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता को कार्य स्थल पर बुलाकर सड़क में हुई अनियमितताओं को हर हाल में ठेकेदार से ठीक करवाएंगे. सड़क की गुणवत्ता का हर हाल में ख्याल रखा जाएगा. अब मामले में पारदर्शिता के साथ कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई की जाती है या नहीं यह आने वाला समय ही बताएगा.

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