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पिथौरागढ़: 8 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच का प्रदर्शन - पिथौरागढ़ हिंदी न्यूज

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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Published : Jan 22, 2020, 10:18 PM IST

पिथौरागढ़: आठ सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, बावजूद इसके उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच का प्रदर्शन.

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के कर्मचारियों ने आज भारी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही डीडीहाट, गंगोहीलाट, अस्कोट, बेरीनाग धारचूला और मुनस्यारी में भी कर्मियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कर्मचारियों को अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है.

पढ़ें- पासपोर्ट रिन्यूअल को लेकर अब नो टेंशन, विदेश मंत्रालय कर रहा ये काम

ये है मांगे

  1. पदोन्नति में लगी रोक को तत्काल हटाया जाए और पदोन्नति आदेश जारी किए जाए.
  2. यू हैल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केंद्र सरकार की तर्ज पर सेवारत और सेवानिवृत्त के लिए लागू किया जाए. देश-प्रदेश के सुविधा सम्पन्न चिकित्सालयों को शामिल किया जाए. सरकारी अस्पतालों से रैफर करने की बाध्यता खत्म की जाए.
  3. अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को यथावत लागू किया जाए.
  4. प्रदेश के सभी कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नतियां या पूर्ववर्ती व्यवस्था के अनुसार 10,16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाए.
  5. 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए.
  6. स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के ऐसे कार्मिकों जिनकी सेवानिवृत्ति को एक वर्ष शेष हो, उन्हें अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरित करने का प्रावधान किया जाए.
  7. इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा शासन को प्रेषित रिपोर्ट में कर्मचारी विरोधी निर्णयों को लागू न किया जाए.
  8. विभिन्न संवर्गीय संगठनों के साथ किये गए समझौतों के अनुरूप शासनादेश जारी किए जाए.

पिथौरागढ़: आठ सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं, बावजूद इसके उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच का प्रदर्शन.

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के कर्मचारियों ने आज भारी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही डीडीहाट, गंगोहीलाट, अस्कोट, बेरीनाग धारचूला और मुनस्यारी में भी कर्मियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कर्मचारियों को अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है.

पढ़ें- पासपोर्ट रिन्यूअल को लेकर अब नो टेंशन, विदेश मंत्रालय कर रहा ये काम

ये है मांगे

  1. पदोन्नति में लगी रोक को तत्काल हटाया जाए और पदोन्नति आदेश जारी किए जाए.
  2. यू हैल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केंद्र सरकार की तर्ज पर सेवारत और सेवानिवृत्त के लिए लागू किया जाए. देश-प्रदेश के सुविधा सम्पन्न चिकित्सालयों को शामिल किया जाए. सरकारी अस्पतालों से रैफर करने की बाध्यता खत्म की जाए.
  3. अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को यथावत लागू किया जाए.
  4. प्रदेश के सभी कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नतियां या पूर्ववर्ती व्यवस्था के अनुसार 10,16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाए.
  5. 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए.
  6. स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के ऐसे कार्मिकों जिनकी सेवानिवृत्ति को एक वर्ष शेष हो, उन्हें अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरित करने का प्रावधान किया जाए.
  7. इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा शासन को प्रेषित रिपोर्ट में कर्मचारी विरोधी निर्णयों को लागू न किया जाए.
  8. विभिन्न संवर्गीय संगठनों के साथ किये गए समझौतों के अनुरूप शासनादेश जारी किए जाए.
Intro:पिथौरागढ़: आठ सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखण्ड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंच ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

Body:उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के कर्मचारियों ने आज (बुधवार) भारी संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यही नही डीडीहाट , गंगोहीलाट, अस्कोट, बेरीनाग, धारचूला और मुनस्यारी में भी कर्मियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कर्मचारियों को अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है।

ये है मांगे

1- पदोन्नति में लगी रोक को तत्काल हटाया जाए और पदोन्नति आदेश जारी किए जाए।
2- यू हैल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा केंद्र सरकार की तर्ज पर सेवारत और सेवानिवृत्त के लिए लागू किया जाए। देश प्रदेश के सुविधा सम्पन्न चिकित्सालयों को शामिल किया जाए। सरकारी अस्पतालों से रैफर करने की बाध्यता खत्म की जाए।
3- अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की पूर्ववर्ती व्यवस्था को यथावत लागू किया जाए।
4- प्रदेश के सभी कार्मिकों को पूरे सेवाकाल में न्यूनतम तीन पदोन्नतियां या पूर्ववर्ती व्यवस्था के अनुसार 10,16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाए।
5- 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था शीघ्र बहाल की जाए।
6- स्थानांतरण अधिनियम में राज्य के ऐसे कार्मिकों जिनकी सेवानिवृत्ति को एक वर्ष शेष हो उन्हें अंतिम वर्ष में उनके ऐच्छिक स्थान पर अनिवार्य रूप से स्थानांतरित करने का प्रावधान किया जाए।
7- इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति द्वारा शासन को प्रेषित रिपोर्ट में कर्मचारी विरोधी निर्णयों को लागू ना किया जाए।
8- विभिन्न संवर्गीय संगठनों के साथ किये गए समझौतों के अनुरूप शासनादेश जारी किए जाए।

Byte: एमसी पंत, प्रदेश संयोजक सचिव, उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय मंचConclusion:
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