पिथौरागढ़: उत्तराखंड में लागू जिला विकास प्राधिकरण को वापस लेने की मांग को लेकर यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पर्वतीय जनपदों में विकास प्राधिकरण लागू करने को पूरी तरह अव्यवहारिक और जनविरोधी बताया. यूकेडी का कहना है कि विकास प्राधिकरण लागू होने से गरीब जनता के लिए मकान बनाना कठिन हो गया है. वहीं कई लोगों के भवनों पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटकी हुई है. यूकेडी ने चेतावनी दी है कि अगर विकास प्राधिकरण वापस नहीं लिया गया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे.
उत्तराखंड क्रांति दल ने प्राधिकरण के विरोध में डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकरियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर 200 मीटर के दायरे को विकास प्राधिकरण में रखा गया है. इससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग निर्माण कार्य नहीं करा पा रहे हैं. नक्शा पास कराने के लिए विकास शुल्क, सेस आदि अधिक होने से आम जनता परेशान है.
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यूकेडी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में खेतों का क्षेत्रफल कम होता है. इसमें मास्टर प्लान लागू कर पाना संभव नहीं है. उक्रांद जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर पुनेड़ा ने कहा कि प्राधिकरण पहाड़ की जनता पर जबरन थोपा जाने वाला काला कानून है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जाएगा.