पिथौरागढ़: उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है. लगातार हो रही बारिश की वजह से पिथौरागढ़ की दो दर्जन सड़कें बंद हो गई हैं. बुधवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश के बाद पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से चंडाक को जोड़ने वाली सड़क निर्माणाधीन जेल के पास दोपहर करीब 12 बजे भारी मलबा आने से बंद हो गई. इस कारण सड़क में लंबा जाम लग गया, साथ ही लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. हालांकि 6 घंटे बाद मार्ग खोल दिया गया.
इसके अलावा जिले में भारी बारिश के चलते चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाले तवाघाट-घटियाबगड़, जौलजीबी-मुनस्यारी, तवाघाट-सोबला मोटरमार्ग बंद है. मार्ग बंद होने से चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी दारमा और व्यास घाटी के साथ ही बॉर्डर के 3 दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क कट चुका है. इन गांवों में 10 हजार से अधिक आबादी अपने इलाकों में कैद होकर रह गई है. यही नहीं, बॉर्डर की सड़कें बंद होने से सीमा पर तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और आर्मी के कैंपों में जरूरी आपूर्ति बाधित होने के साथ ही आवाजाही भी प्रभावित हुई है.
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वहीं जिले में भारी लैंडस्लाइड के चलते कपकोट-सामा-तेजम स्टेट हाईवे बंद है साथ ही 19 ग्रामीण सड़कें भी बंद पड़ी हैं. जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर ने बताया कि बरसात के सीजन में अभी तक एक व्यक्ति की मौत हुई है, जबकि 12 मवेशियों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 35 मकान बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी का कहना है कि सड़कों को खोलने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. आपदा प्रभावित को भी तत्काल सहायता राशि मुहैया कराई जा रही है.
बेरीनाग में बारिश का तांडव: बेरीनाग विकास खंड के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश से कई इलाकों को नुकसान पहुंचा है. दौलाबलिया और बोराआगर गांव में तीन दर्जन मकान मलबा आने से खतरे की जद में आ गए हैं. इसके अलावा एक दर्जन मकानों में मलबा घुस गया है. एसडीएम अभय प्रताप सिंह का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही राजस्व उप निरीक्षक को मौके पर भेज दिया गया है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. खतरे की जद में आए परिवारों को अन्य जगह शिफ्ट कर दिया है.