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20 हजार से ज्यादा की बुकिंग, फिर भी मुनस्यारी में पर्यटन कारोबार चौपट, जानिए क्यों नहीं आना चाह रहे पर्यटक

बीते एक माह में थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग 17 बार भू-स्खलन के कारण बंद हो गया है. वहीं, जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर कई जगह खतरे होने के कारण पर्यटक मुनस्यारी आने से बच रहे हैं.

मुनस्यारी में पर्यटन कारोबार चौपट.
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Published : Oct 7, 2019, 6:20 PM IST

पिथौरागढ़: साल भर सैलानियों से गुलजार रहने वाला हिमनगरी मुनस्यारी इस बार सूना पड़ा हुआ है. 20 हजार से अधिक की बुकिंग होने के बावजूद यहां सैलानी रुख नहीं कर रहे हैं. सैलानियों की दिक्कत का कारण दो मोटरमार्ग थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी मोटरमार्ग हैं, जहां कई खतरनाक जगह होने के कारण सैलानी यहां आने से बच रहे हैं.

मुनस्यारी में पर्यटन कारोबार चौपट.
सड़कों की हालत इतनी खराब है कि बीते एक माह में थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग 17 बार भू-स्खलन के कारण बंद हो गया है. जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग दर्जनों स्थान पर खतरनाक बना हुआ है. सड़कों की खस्ताहाली ने पर्यटन कारोबार पर जैसे पूरी तरह ग्रहण लगा दिया है. बरसात के बाद मुनस्यारी में हर साल बंगाली पर्यटकों का भारी तांता लगा रहता था. पर्यटकों की ये आमद हजारों परिवारों को रोजगार मुहैया कराती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी इस बार यहां के लोगों पर भारी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें: आस्था और चमत्कार का दरबार है मां चूड़ामणि का मंदिर, भक्तों की हर कामना होती है पूरी

मुनस्यारी को जोड़ने वाली सड़कों की खस्ताहाली पर्यटन कारोबार को तो चौपट कर ही रही है, साथ ही उच्च हिमालय में रहने वालों की मुश्किलों को भी बढ़ा रही है. हालात इस कदर हो गए हैं कि लोग न तो आसानी से मुनस्यारी पहुंच पा रहे हैं और न ही स्थानीय लोग दुनिया से जुड़ पा रहे हैं.

पिथौरागढ़: साल भर सैलानियों से गुलजार रहने वाला हिमनगरी मुनस्यारी इस बार सूना पड़ा हुआ है. 20 हजार से अधिक की बुकिंग होने के बावजूद यहां सैलानी रुख नहीं कर रहे हैं. सैलानियों की दिक्कत का कारण दो मोटरमार्ग थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी मोटरमार्ग हैं, जहां कई खतरनाक जगह होने के कारण सैलानी यहां आने से बच रहे हैं.

मुनस्यारी में पर्यटन कारोबार चौपट.
सड़कों की हालत इतनी खराब है कि बीते एक माह में थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग 17 बार भू-स्खलन के कारण बंद हो गया है. जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग दर्जनों स्थान पर खतरनाक बना हुआ है. सड़कों की खस्ताहाली ने पर्यटन कारोबार पर जैसे पूरी तरह ग्रहण लगा दिया है. बरसात के बाद मुनस्यारी में हर साल बंगाली पर्यटकों का भारी तांता लगा रहता था. पर्यटकों की ये आमद हजारों परिवारों को रोजगार मुहैया कराती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी इस बार यहां के लोगों पर भारी पड़ रही है.

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मुनस्यारी को जोड़ने वाली सड़कों की खस्ताहाली पर्यटन कारोबार को तो चौपट कर ही रही है, साथ ही उच्च हिमालय में रहने वालों की मुश्किलों को भी बढ़ा रही है. हालात इस कदर हो गए हैं कि लोग न तो आसानी से मुनस्यारी पहुंच पा रहे हैं और न ही स्थानीय लोग दुनिया से जुड़ पा रहे हैं.

Intro:पिथौरागढ़: साल भर सैलानियों से गुलजार रहने वाले हिमनगरी मुनस्यारी में इस बार सूना पड़ा है। 20 हजार से अधिक की बुकिंग होने के बावजूद यहां इक्का-दुक्का ही सैलानी नजर आ रहे हैं। सैलानियों के यहां पहुंचने में इस बार सबसे अधिक रोड़ा अटकाया है, इलाके को जोड़ने वाले दो मोटरमार्गों ने। थल-मुनस्यारी और जौलजीबी-मुनस्यारी मोटरमार्ग कई स्थानों पर खतरनाक हो गए हैं। जिस कारण टूरिस्ट यहां आने से बचने लगे हैं।



Body:सड़कों की हालात इतनी खराब है कि बीते एक माह में थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग 17 बार भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। जबकि जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग दर्जनों स्थान पर खतरों को आमंत्रित कर रहा है। सड़कों की खस्ताहाली ने पर्यटन कारोबार को जैसे पूरी तरह ग्रहण लगा दिया है। बरसात के बाद मुनस्यारी में हर साल बंगाली पर्यटकों का भारी तांता लगा रहता था। पर्यटकों की ये आमद हजारों परिवारों को दो वक्त की रोटी भी मुहैय्या कराती थी। लेकिन प्रशासन की अनदेखी इस बार यहां के लोगों पर भारी पड़ रही है।

मुनस्यारी को जोड़ने वाली सड़कों की खस्ताहाली पर्यटन कारोबार को तो चौपट कर रही है, साथ उच्च हिमालय में रहने वालों की मुश्किलों में भी इजाफा कर रही है। हालात इस कदर बद्तर हो गए हैं कि लोग न तो आसानी से मुनस्यारी पहुंच पा रहे हैं और न ही स्थानीय लोग शेष दुनिया से जुड़ पा रहे हैं। अब देखना ये है कि प्रशासनिक तंत्र लोगों की दिक्कतों को दूर करता है या फिर हालात यूं ही वक्त के हवाले रहते हैं।

Byte: विजय कुमार, डीएम, पिथौरागढ़Conclusion:
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