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उत्तराखंड में डेल्टा प्लस वैरिएंट की दस्तक, इस जिले में मिले तीन नए मरीज

पिथौरागढ़ जिले में कोरोना के तीन नए मरीज मिले हैं. इन तीन मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है. मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को पिथौरागढ़ जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ बैठक की और कोरोना की रोकथाम को लेकर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए.

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Published : Aug 27, 2021, 6:11 PM IST

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. दिल्ली में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 3 नये मामले सामने आये हैं. इसके बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये हैं. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पॉजिटिव मामलों के कांट्रेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिये हैं.

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग से कोविड सैंपलिंग बढ़ाने के साथ ही डेल्टा वैरिएंट को लेकर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं. डेल्टा वैरिएंट के सभी मामले सीमान्त क्षेत्र धारचूला से सामने आए है. कोविड-19 की तीसरी लहर और कोरोना डेल्टा वैरिएंट को फैलने से रोकने की व्यवस्थाओं के मद्देनजर शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए.

पढ़ें- कोरोना की वापसी! एक ही मेडिकल कॉलेज में MBBS की 8 छात्राएं मिली कोरोना पॉजिटिव

जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला कोविड हेल्थ सेंटर, जिला कोविड केयर सेंटर और अन्य सभी कोविड केयर सेंटर में सभी चिकित्सा सुविधा रखी जायें. डीएम ने ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त संख्या में रखने के साथ ही आवश्यक दवा, उपकरण और चिकित्सा सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए. साथ ही धारचूला में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए.

क्या है वायरस वैरिएंट: जब वायरस अलग-अलग वजहों से रूप बदलकर और खतरनाक या जानलेवा हो जाता है, तो उसे नया वैरिएंट कहते हैं. कोरोना भी बाकी कई वायरसों की तरह रूप बदलकर नए-नए वैरिएंट में सामने आ रहा है.

WHO ने किया कोरोना वैरिएंट्स का 'नामकरण'': पहले जिस देश से कोरोना का वह वैरिएंट सबसे पहले सामने आया था, उसके नाम से उसे जाना जाता था. लेकिन फिर WHO ने इनको नए नाम दिए. अब कोरोना के वैरिएंट्स को डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा, गामा आदि नामों से जाना जाता है.

क्या है कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट ?: यह डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है. डेल्टा वैरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था. फिर बाद के महीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है. डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था. यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था. स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है. इसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है.

डेल्टा वैरिएंट क्यों है खतरनाक: डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है. मतलब वैक्सीन, जिसे अबतक कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा था, अगर डेल्ट प्लस वैरिएंट उसे भी भेदकर अपनी चपेट में ले सकने की ताकत रखता है, तो स्थिति गंभीर होने की आशंका है.

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. दिल्ली में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 3 नये मामले सामने आये हैं. इसके बाद प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये हैं. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पॉजिटिव मामलों के कांट्रेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के निर्देश दिये हैं.

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग से कोविड सैंपलिंग बढ़ाने के साथ ही डेल्टा वैरिएंट को लेकर खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिये हैं. डेल्टा वैरिएंट के सभी मामले सीमान्त क्षेत्र धारचूला से सामने आए है. कोविड-19 की तीसरी लहर और कोरोना डेल्टा वैरिएंट को फैलने से रोकने की व्यवस्थाओं के मद्देनजर शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए.

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जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला कोविड हेल्थ सेंटर, जिला कोविड केयर सेंटर और अन्य सभी कोविड केयर सेंटर में सभी चिकित्सा सुविधा रखी जायें. डीएम ने ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त संख्या में रखने के साथ ही आवश्यक दवा, उपकरण और चिकित्सा सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए. साथ ही धारचूला में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए.

क्या है वायरस वैरिएंट: जब वायरस अलग-अलग वजहों से रूप बदलकर और खतरनाक या जानलेवा हो जाता है, तो उसे नया वैरिएंट कहते हैं. कोरोना भी बाकी कई वायरसों की तरह रूप बदलकर नए-नए वैरिएंट में सामने आ रहा है.

WHO ने किया कोरोना वैरिएंट्स का 'नामकरण'': पहले जिस देश से कोरोना का वह वैरिएंट सबसे पहले सामने आया था, उसके नाम से उसे जाना जाता था. लेकिन फिर WHO ने इनको नए नाम दिए. अब कोरोना के वैरिएंट्स को डेल्टा, कप्पा, अल्फा, बीटा, गामा आदि नामों से जाना जाता है.

क्या है कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट ?: यह डेल्टा वैरिएंट के रूप में हुए बदलावों की वजह से बना है. डेल्टा वैरिएंट यानी B.1.617.2 जो कि पहले भारत में मिला था. फिर बाद के महीनों में यह दूसरे कई देशों में भी पाया गया. कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट में इसके स्पाइक प्रोटीन में K417N बदलाव हुआ है. डेल्टा प्लस वैरिएंट को पहले B.1.617.2.1 कहा जाता था. यह सबसे पहली बार यूरोप में मिला था. स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का जरूरी हिस्सा है. इसकी वजह से ही वायरस मानव शरीर में घुसकर इंफेक्शन करता है.

डेल्टा वैरिएंट क्यों है खतरनाक: डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है. मतलब वैक्सीन, जिसे अबतक कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा था, अगर डेल्ट प्लस वैरिएंट उसे भी भेदकर अपनी चपेट में ले सकने की ताकत रखता है, तो स्थिति गंभीर होने की आशंका है.

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