पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग मानसून सीजन में खतरे का सबब बना हुआ है. तवाघाट से नजंग के बीच सड़क मार्ग बरसात में किसी भी वक्त भूस्खलन की चपेट में आ सकती है. जबकि नजंग से बूंदी के बीच पैदल मार्ग की भी हालत कई जगहों पर खराब है. ऐसे में यात्रा को सकुशल संपन्न करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है.
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गौर हो कि पिछले मानसून सीजन में नजंग से मालपा के बीच मार्ग बंद होने के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई थी और यात्रा हेलीकॉप्टर के जरिये सम्पन्न करानी पड़ी थी.
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग भले ही नजंग तक वाहनों के लिए खुल गया हो, लेकिन मानसून सीजन में इस मार्ग पर भूस्खलन का खतरा लगातार मंडरा रहा है. बीते शुक्रवार इस मार्ग पर भूस्खलन के दौरान रास्ता पार करते हुए सीमा सड़क संगठन के बुलडोजर ऑपरेटर की काली नदी में गिरने से मौत हो गयी थी.
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सड़क निर्माण के दौरान बीआरओ द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग से यात्रा मार्ग पर कमजोर चट्टाने किसी भी वक्त भर भराकर गिर सकती है. इस मार्ग से होकर ही कैलाश मानसरोवर यात्रियों को जाना है. ऐसे में कैलाश मानसरोवर यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं यात्रा मार्ग के निर्माण का जिम्मा देख रहे बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि नजंग तक सड़क तैयार होने से यात्रियों को इस बार सहूलियत होगी.