बेरीनागः जहां एक ओर सरकार सर्वशिक्षा अभियान चलाती है लेकिन प्राथमिक विद्यालयों की हालत यह है कि छात्र या तो खुले आसमान के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं या जर्जर इमारत में छात्र पढ़ने को मजबूर हैं. यही हाल तहसील थल के चार गांवों के एक मात्र प्राथमिक विद्यालय हीपा का है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा में वर्तमान में 21 विद्यार्थी पढ़ते हैं. इस विद्यालय की छत पिछले 15 वर्षों से जर्जर हालत में है. बरसात में छत टपकती रहती है और पूरे कमरों में पानी भर जाता है. विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को प्रधानाचार्य द्वारा बारिश में चारपाई पर बैठाकर पढ़ाई कराई जाती है.
वहीं, पिछले 15 वर्षों से अभिभावकों द्वारा विद्यालय की छत रिपेयर करने की मांग की जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग है कि उसके कानों में जूं तक नहीं रेंगती है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा की छत जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है. जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
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प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि अगर शीघ्र ही विद्यालय भवन ठीक नहीं कराया गया तो वो अपने बच्चों की टीसी कटवाने को मजबूर हो जाएंगे. यह बेरीनाग विकासखंड का सबसे पुराना विद्यालय है. राजकीय प्राथमिक विद्यालय हीपा की स्थापना 1948 में की गई थी और इस विद्यालय में दुर्गम भागों से आने वाले सभी विद्यालयों से अधिक छात्र संख्या है.