पिथौरागढ़: सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही संसाधन, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. लाख कोशिश के बावजूद भी डॉक्टर पहाड चढ़ने को तैयार नहीं है. इसकी बानगी पिथौरागढ़ में देखने को मिल रहा है. जहां 39 डॉक्टर बीते लंबे समय से नदारद चल रहे हैं. वहीं, विभाग ने इन सभी डॉक्टरों को नोटिस भेजा है.
बता दें कि पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए साल 2018 में 45 बांडधारी डॉक्टरों की तैनाती की गई थी. 5 साल का करार कर पहाड़ पहुंचे 28 बांडधारी डॉक्टर एक साल में ही अस्पतालों से गायब हो गए. तैनाती स्थल पर लौटना तो दूर 2 डॉक्टरों ने विभाग को अपना इस्तीफा तक सौंप दिया है.
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जबकि, 39 नियमित और बांडधारी डॉक्टर बीते लंबे से अस्पतालों से नदारद चल रहे हैं. इनमें 11 नियमित डॉक्टर ऐसे हैं, जो 5 साल से ज्यादा समय से अस्पताल से गायब हैं. वहीं, विभाग ने अस्पताल से नदारद डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हुए डीएम और निदेशालय को पत्र भेजा है. उधर, बांडधारी डॉक्टरों के गायब होने से सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है.