पिथौरागढ़: बेरीनाग और चौकोड़ी में रहने वाले 20 हजार परिवारों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. उनके मकान तो अपने हैं, लेकिन भूमि का मालिकाना हक नहीं है. यहां समय-समय पर प्रशासन का डंडा भी चलता रहता है. अब लोगों को उम्मीद है कि नई सरकार आने के बाद उन्हें अपनी भूमि पर मालिकाना हक मिल पाएगा. दरअसल चौकोड़ी और बेरीनाग की भूमि का वर्गीकरण तय नहीं होने के कारण लोगों को भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है. हालांकि बेरीनाग नगर को नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है.
चौकोड़ी और बेरीनाग की जमीन अंग्रेजों के समय से ही टी-स्टेट की जमीन रही है. वर्तमान में टी-स्टेट की भूमि पर ही भवन बने हैं. जिस पर अधिकांश जनता निवास करती है. चौकोड़ी और बेरीनाग में मकानों के अलावा कई होटल भी बन चुके हैं. मगर सरकार ने अभी तक यहां के लोगों को भूमि का मालिकाना हक नहीं दिया है. अपने ही मकानों में रह रहे लोगों को हमेशा भय बना रहता है. सरकारें भूमि के मामले को अभी तक सुलझा नहीं सकी हैं.
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इस बार के विधानसभा चुनावों में भी मुख्य मुद्दा यही था कि बेरीनाग और चौकोड़ी के लोगों को मालिकाना हक दिया जाए. इस बार बनने वाली सरकार से चौकोड़ी और बेरीनाग में मकान बना कर रहने वाले हजारों परिवारों को उम्मीदें फिर बंधी हैं कि आगामी सरकार बेरीनाग के लोगों की समस्या का समाधान करेगी.