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छांगरू में BPO को अपग्रेड कर नेपाल ने बनाई बटालियन, चीन पहले ही कर चुका है एक हजार सैनिक तैनात

लिपुलेख बॉर्डर के पास छांगरू स्थित बीओपी को नेपाल ने उच्चीकृत कर बटालियन में तब्दील कर दिया है. जिसे लेकर नेपाल सीमा पर चल रही गतिविधियों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं.

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नेपाल बीओपी
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Published : Aug 4, 2020, 4:17 PM IST

पिथौरागढ़: जिले से लगी सीमाओं पर चीन और नेपाल भारत विरोधी नई चाल को हवा देते हुए नजर आ रहे हैं. चीन जहां लिपुलेख बॉर्डर के पास स्थित पाली चौकी में एक हजार सैन्य क्षमता वाली बटालियन तैनात कर चुका है. वहीं, नेपाल ने चीन सीमा से सटे छांगरू में नवनिर्मित बीओपी को बटालियन में उच्चीकृत कर दिया है. इतना ही नहीं दार्चुला बीओपी को भी गढ़ बना दिया गया है. यहां पर अब डीआईजी रैंक का अधिकारी तैनात रहेगा. इधर, चीन के साथ ही नेपाल सीमा पर चल रही गतिविधियों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं. चीन और नेपाल सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने जहां एक हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. वहीं, नेपाल भी भारत-चीन सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता लगातार बढ़ाने में लगा है. तीन महीने पहले नेपाल ने चीन सीमा से सटे छांगरू में बीओपी स्थापित कर सेना के जवानों की तैनाती की थी. वहीं, सूत्रों की मानें तो नेपाल ने छांगरु स्थित बीओपी को उच्चीकृत कर बटालियन में तब्दील कर दिया है. इसके अलावा पांच और स्थानों पर नेपाल ने नई बीओपी बनाई है. नेपाल ने पिछले दो माह में झूलाघाट और जौलजीबी के बीच स्थित तीन अस्थायी पोस्ट हटा दी हैं. इस अस्थायी पोस्टों में तैनात जवानों को पास की बीओपी में शिफ्ट कर दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़: लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने तैनात किए सैनिक, भारत ने भी बढ़ाई सुरक्षा

बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर लिपुलेख तक सड़क का निर्माण करने के बाद से नेपाल के तेवर बदल गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते 8 मई को करीब 80 किलोमीटर लंबे कैलाश मानसरोवर मार्ग का उद्घाटन किया था. जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा तनाव बना हुआ है. नेपाल सरकार भारत-नेपाल बार्डर पर लगातार सतर्कता बढ़ा रही है. जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ जिले से लगी सीमाओं पर नेपाल की तरफ से और ज्यादा सीमा चौकी बनाने की योजना चल रही है.

पिथौरागढ़: जिले से लगी सीमाओं पर चीन और नेपाल भारत विरोधी नई चाल को हवा देते हुए नजर आ रहे हैं. चीन जहां लिपुलेख बॉर्डर के पास स्थित पाली चौकी में एक हजार सैन्य क्षमता वाली बटालियन तैनात कर चुका है. वहीं, नेपाल ने चीन सीमा से सटे छांगरू में नवनिर्मित बीओपी को बटालियन में उच्चीकृत कर दिया है. इतना ही नहीं दार्चुला बीओपी को भी गढ़ बना दिया गया है. यहां पर अब डीआईजी रैंक का अधिकारी तैनात रहेगा. इधर, चीन के साथ ही नेपाल सीमा पर चल रही गतिविधियों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं. चीन और नेपाल सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है.

लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने जहां एक हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. वहीं, नेपाल भी भारत-चीन सीमा पर अपनी सैन्य क्षमता लगातार बढ़ाने में लगा है. तीन महीने पहले नेपाल ने चीन सीमा से सटे छांगरू में बीओपी स्थापित कर सेना के जवानों की तैनाती की थी. वहीं, सूत्रों की मानें तो नेपाल ने छांगरु स्थित बीओपी को उच्चीकृत कर बटालियन में तब्दील कर दिया है. इसके अलावा पांच और स्थानों पर नेपाल ने नई बीओपी बनाई है. नेपाल ने पिछले दो माह में झूलाघाट और जौलजीबी के बीच स्थित तीन अस्थायी पोस्ट हटा दी हैं. इस अस्थायी पोस्टों में तैनात जवानों को पास की बीओपी में शिफ्ट कर दिया गया है.

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बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर लिपुलेख तक सड़क का निर्माण करने के बाद से नेपाल के तेवर बदल गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते 8 मई को करीब 80 किलोमीटर लंबे कैलाश मानसरोवर मार्ग का उद्घाटन किया था. जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा तनाव बना हुआ है. नेपाल सरकार भारत-नेपाल बार्डर पर लगातार सतर्कता बढ़ा रही है. जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ जिले से लगी सीमाओं पर नेपाल की तरफ से और ज्यादा सीमा चौकी बनाने की योजना चल रही है.

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