मुनस्यारी: पर्यटक स्थल मुनस्यारी समुद्र तल से 2,298 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पर ज्यादातर बर्फबारी का सीजन रहता है और लगभग साल भर बर्फ जमी रहती है. इसलिए इसे हिमनगरी के नाम से भी जाना जाता है.
![munsyari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9052210_1.jpg)
यहां से पंचाचूली का नयनाभिराम दृश्य पर्यटकों की यादों को अमिट बना देता है. खलिया टॉप और नंदादेवी समेत अनेक ऐसे पर्यटक स्थल यहां हैं जिन्हें देखने देश-विदेश के पर्यटक बड़े चाव से आते हैं.
![munsyari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9052210_2.jpeg)
कोरोना ने पर्यटन व्यवसाय को किया चौपट
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने यहां के पर्यटन को ऐसा चौपट किया कि हमेशा गुलजार रहने वाले पर्यटक स्थल सूने रह गए हैं. हालांकि अनलॉक 5.0 के बाद पर्यटक स्थल मुनस्यारी में कुछ पर्यटक दिखाई दे रहे हैं. यहां पर पहुंच रहे पर्यटकों ने बताया कि सरकार को लॉकडाउन के बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधा देनी चाहिए जिससे यहां पर पर्यटक पहुंच सकें.
![munsyari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9052210_4.jpeg)
पढ़ें- पर्यटकों से गुलजार हुई मसूरी, होटल व्यवसायियों के खिले चेहरे
लॉकडाउन में हुआ बड़ा नुकसान
लॉकडाउन के बाद मुनस्यारी में पर्यटन व्यवसाय को बड़ा नुकसान हो गया है. पर्यटन व्यवसाइयों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले यहां पर मई महीने तक के लिए कमरों की ऑनलाइन बुकिंग हो गयी थी. आने वाले महीनों की पिछले वर्षों में अग्रिम बुकिंग हो जाती थी. लेकिन इस बार अधिकांश होटल और पर्यटक स्थल सुनसान पड़े हैं. जिससे मुनस्यारी क्षेत्र को लाखों का नुकसान हो गया है. सरकार को पर्यटन व्यवसायियों को छूट देने के साथ आर्थिक मदद भी करनी चाहिए.
![munsyari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9052210_5.jpeg)
पढ़ें- ऋषिकेश: पर्यटकों के लिए खुशखबरी, साहसिक खेलों की हुई शुरुआत
अनलॉक 5.0 से हैं बड़ी उम्मीदें
उत्तराखंड की आय का सबसे बड़ा साधन पर्यटन है. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने इस व्यवसाय को चौपट कर दिया है. अब अनलॉक 5.0 में सरकार पर्यटन व्यवसायियों को इतनी छूट दे कि पर्यटक उत्तराखंड की इन हसीन वादियों में फिर से खिंचे चले आएं. इससे न सिर्फ उत्तराखंड के पर्यटक स्थल गुलजार होंगे बल्कि लॉकडाउन में खाली हुआ राज्य का खजाना भी फिर से भरेगा.