बेरीनाग: गंगोलीहाट क्षेत्र में कोरोना का लगातार मामला बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद मंदिर समिति ने आपात बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि कुमाऊं के प्रसिद्ध कालिका मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए 31 जुलाई तक बंद रहेंगे. इस दौरान मां महाकाली के स्नान, पूजा, भोग और शयन की प्रक्रिया नियम से चलती रहेगी. इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध गुफा पाताल भुवनेश्वर के द्वार भी 31 जुलाई तक नहीं खुलेंगे.
दरअसल, कोविड-19 के चलते पहले भी मंदिरों को बंद रखने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अनलॉक के फैसले के बाद मंदिरों को खोलने का निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था. अधिकांश मंदिर खोल दिए गए हैं, लेकिन गंगोलीहाट क्षेत्र के मंदिर अभी तक नहीं खुले हैं. समिति के सदस्यों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जुलाई महीने में इसके पीक पर आने की संभावना है. इसे देखते हुए मंदिर समिति ने 31 जुलाई तक मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है. समिति के नरेंद्र रावल ने कहा है कि इस दौरान रावल बिरादरी के लोग मां महाकाली के स्नान, पूजा, भोग और शयन आदि के नित्य कर्म को पूरा करते रहेंगे.
पढ़ें: अनलॉक 2: पहले दिन 56 श्रद्धालुओं ने किए भगवान बदरी विशाल के दर्शन
पाताल भुवनेश्वर के द्वार भी नहीं खुलेंगे
विश्व प्रसिद्ध गुफा पाताल भुवनेश्वर के द्वार भी 31 जुलाई तक नहीं खुलेंगे. मंदिर कमेटी ने मंगलवार को बैठक कर यह निर्णय लिया. बैठक में मौजूद सदस्यों ने वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है. पाताल भुवनेश्वर गुफा खुलने पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसे देखते हुए मंदिर और गुफा क्षेत्र को फिलहाल 31 जुलाई तक बंद करने का निर्णय लिया है. 31 जुलाई के बाद गुफा खोलने पर अगला निर्णय लिया जाएगा. बैठक में उमेद सिंह भंडारी, जगत सिंह रावल और अन्य सदस्य मौजूद थे.