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ट्रांसफार्मर बदलने पोल पर चढ़ा लाइनमैन करंट लगने से झुलसा, समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई मौत - बिजली विभाग

बेरीनाग के गणेश चौक निवासी बिजली विभाग में संविदा पर तैनात नवल किशोर बिष्ट (37) बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में बिजली का ट्रांसफार्मर बदलने पहुंचा था. जहां वो 11 हजार किलोवाट की लाइन की चपेट में आ गया और बुरी तरह से झुलस गया. जिसकी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई.

lineman died due to current
लाइनमैन
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Published : Jan 5, 2020, 8:44 PM IST

बेरीनागः बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में एक लाइनमैन ट्रांसफार्मर बदलते समय करंट की चपेट में आ गया. जिससे लाइनमैन बुरी तरह से झुलस गया. मौके पर मौजूद लोगों ने आनन-फानन में उसे सीएचसी बेरीनाग पहुंचाया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले. जिससे लाइनमैन दो घंटे तक तड़पता रहा और इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र में तालाबंदी कर नारेबाजी की.

जानकारी के मुताबिक, रविवार को बेरीनाग के गणेश चौक निवासी बिजली विभाग में संविदा पर तैनात नवल किशोर बिष्ट (37) बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में बिजली का ट्रांसफार्मर बदलने पहुंचा था. जहां पर नवल ने राईआगर सब स्टेशन के प्रभारी को फोनकर स्टडाउन मांगा और ट्रासफार्मर लगाने के लिए पोल पर चढ़ गया. जैस ही नवल पोल पर चढ़ा 11 हजार किलोवाट की लाइन की चपेट में आने से नीचे गिर गया.

कंरट लगने से लाइन मैन की मौत.

ये भी पढ़ेंः रुड़कीः दबंगों ने प्रेमी जोड़े को पीटा, VIDEO वायरल

मौके पर मौजूद मजदूरों और ग्रामीणों के होश उड़ गए. ग्रामीणों ने आनन-फानन में घटना की सूचना बिजली विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद उसे एंबुलेंस से बेरीनाग सीएचसी पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला. जिससे परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. आनन-फानन में एक डेंटल डॉक्टर मौके पर पहुंचा. जिसने लाइनमैन का प्राथमिक उपचार किया, लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण डेंटल डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए.

उधर, डेंटल डॉक्टर ने गंगोलीहाट प्रभारी चिकित्साधिकारी को इसकी सूचना दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. जिन्हें ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई. समय पर इलाज नहीं मिलने पर नवल ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद लोगों ने लाइनमैन की मौत पर विभागीय लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं, उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को बिजली विभाग में नौकरी देने की मांग की.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड परिवहन निगम के बेड़े में शामिल होंगी 150 नई बसें, यात्रियों को मिलेगी सहूलियत

इलाज नहीं मिलने पर एक हफ्ते में दो लोगों की मौत
सीएचसी बेरीनाग में डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. एक हफ्ते के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी है. बीते सोमवार को नगर के एक व्यापारी की मां की मौत इलाज नहीं मिलने से हुई थी. जिसके बाद लोगों ने विरोध स्वरूप मंगलवार को बाजार बंद किया था, लेकिन उसके बाद भी हालत जस के तस बने हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल है.

तीन घंटे बाद लाइन मैन को किया गया मृत घोषित
सीएचसी में डॉक्टर नहीं होने के कारण कंरट से झुलसा नवल तीन घंटे तक बेड पर ही पड़ा रहा. तीन घंटे के बाद जब गंगोलीहाट से प्रभारी चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे. तब जाकर उन्होंने उसे देखा. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया.

वहीं, आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति के बाद ही शव उठाने की बात कही. सभासद बलवंत धानिक और डीएल शाह ने बताया कि बीते 6 महीने से यहां पर एक भी स्थायी डॉक्टर तैनात नहीं हैं. जिससे जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह महज रेफर सेंटर बन कर रह गया है.

बेरीनागः बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में एक लाइनमैन ट्रांसफार्मर बदलते समय करंट की चपेट में आ गया. जिससे लाइनमैन बुरी तरह से झुलस गया. मौके पर मौजूद लोगों ने आनन-फानन में उसे सीएचसी बेरीनाग पहुंचाया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिले. जिससे लाइनमैन दो घंटे तक तड़पता रहा और इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र में तालाबंदी कर नारेबाजी की.

जानकारी के मुताबिक, रविवार को बेरीनाग के गणेश चौक निवासी बिजली विभाग में संविदा पर तैनात नवल किशोर बिष्ट (37) बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में बिजली का ट्रांसफार्मर बदलने पहुंचा था. जहां पर नवल ने राईआगर सब स्टेशन के प्रभारी को फोनकर स्टडाउन मांगा और ट्रासफार्मर लगाने के लिए पोल पर चढ़ गया. जैस ही नवल पोल पर चढ़ा 11 हजार किलोवाट की लाइन की चपेट में आने से नीचे गिर गया.

कंरट लगने से लाइन मैन की मौत.

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मौके पर मौजूद मजदूरों और ग्रामीणों के होश उड़ गए. ग्रामीणों ने आनन-फानन में घटना की सूचना बिजली विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद उसे एंबुलेंस से बेरीनाग सीएचसी पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला. जिससे परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. आनन-फानन में एक डेंटल डॉक्टर मौके पर पहुंचा. जिसने लाइनमैन का प्राथमिक उपचार किया, लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण डेंटल डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए.

उधर, डेंटल डॉक्टर ने गंगोलीहाट प्रभारी चिकित्साधिकारी को इसकी सूचना दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. जिन्हें ग्रामीणों ने जमकर खरी-खोटी सुनाई. समय पर इलाज नहीं मिलने पर नवल ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद लोगों ने लाइनमैन की मौत पर विभागीय लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं, उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को बिजली विभाग में नौकरी देने की मांग की.

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इलाज नहीं मिलने पर एक हफ्ते में दो लोगों की मौत
सीएचसी बेरीनाग में डॉक्टर नहीं होने से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. एक हफ्ते के भीतर दो लोगों की मौत हो चुकी है. बीते सोमवार को नगर के एक व्यापारी की मां की मौत इलाज नहीं मिलने से हुई थी. जिसके बाद लोगों ने विरोध स्वरूप मंगलवार को बाजार बंद किया था, लेकिन उसके बाद भी हालत जस के तस बने हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल है.

तीन घंटे बाद लाइन मैन को किया गया मृत घोषित
सीएचसी में डॉक्टर नहीं होने के कारण कंरट से झुलसा नवल तीन घंटे तक बेड पर ही पड़ा रहा. तीन घंटे के बाद जब गंगोलीहाट से प्रभारी चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे. तब जाकर उन्होंने उसे देखा. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया.

वहीं, आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति के बाद ही शव उठाने की बात कही. सभासद बलवंत धानिक और डीएल शाह ने बताया कि बीते 6 महीने से यहां पर एक भी स्थायी डॉक्टर तैनात नहीं हैं. जिससे जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह महज रेफर सेंटर बन कर रह गया है.

Intro:कंरट लगने से मौत Body:बेरीनाग।
कंरट लगने से लाइन मैन की मौत,दो घंटे तक नही मिला उपचार
डाक्टर नही होने से लोगों में आक्रोश
बेरीनाग।रविवार के दोपहर 1 बजे बेरीनाग के गणेश चैक निवासी बिजली विभाग संविदा में नवल किशोर बिष्ट उम्र 37 पुत्र देवकी नन्दन बिष्ट बुडेरा गांव के मानीखेत तोक में बिजली का ट्रासफार्मर बदलने के पहुंचा। नवल ने राईआगर सब स्टेशन के प्रभारी को फोन कर स्टडाउन मांगा और ट्रासफार्मर चड़ाने के लिए पोल में चड़ा तो जिसे ही पोल में चड़ा 11 हजार किलोवाट की लाइन से कंरट लगकर नीचे गिर गया। उसके साथ में मजदूरों ने ग्रामीणों और बिजली विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही बेरीनाग सीएचसी 108 गयी। 108 से बेरीनाग सीएचसी लेकर आई। लेकिन बेरीनाग सीएचसी में लाने के बाद यहां पर कोई डाक्टर नही होने के कारण परिजनों में आक्रोश फैल गया। आक्रोश फैलने के बाद एक डेंटल डाक्टर मौके पर पहुंचा उसने प्राथमिक उपचार किया लेकिन जानकारी नही होने के अभाव में गंगोलीहाट में प्रभारी चिकित्साधिकारी को सूचना दी। कंरट लगने से झुलसे नवल की गंभीर हालत और उपर से डाक्टर नही होने पर लोगों में आक्रोश फैल गया। मौके पर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। नगर पंचायत अध्यक्ष हेम पंत ने बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे करते हुए का कि विभागीय लापरवाही से लाइन मौन की मौत हुई है। यहां पर यदि डाक्टर होते तो समय से उपचार मिलता तो बच सकता था। मृतक लाइन मैन को 10 लाख का मुआवजा और बिजली विभाग में नौकरी देने की मांग की।स्थानीय लोगों की मांग पर मृतक का पोस्टमार्टम बेरीनाग में आज सोमवार को होगा।मृतक लाइन मैन के दो छोटे छोटे बच्चे है घर में घटना के कोहराम मच गया।क्षेत्र में घटना के शोेक की लहर फैल गयी है।

उपचार नही मिलने पर एक सप्ताह में दो मौत
बेरीनाग। सीएचसी बेरीनाग में डाक्टर नही होने से समय पर उपचार नही मिलने से एक सप्ताह के भीतर दो लोगों की मौत हो गयी। सोमवार को नगर के एक व्यापारी की मां की मौत उपचार नही मिलने से हुई थी। उसके बाद मंगलवार को इसके विरोध में बाजार बंद किया था। लेकिन उसके बाद भी हालत जस के तस बने हुए है स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर लेकर लोगों में आक्रोश फैला हुआ है
दो घंटे तक नही पहुंचे प्रशासन के अधिकारी
बेरीनाग।लाइन मैन की मौत के बाद जब व्यापारियों और परिजनों ने डाक्टर नही होने पर स्वास्थ्य केन्द्र में तालाबंदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और प्रशासन का कोई भी अधिकारी कर्मचारी मौके पर नही पहुंचा जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।व्यापारी नेता भूपेन्द्र मेहरा ने प्रशासन की इस कार्यप्रणाली पर सवाल खडे किये है।

तीन घंटे बाद हुआ मृत धोषित
बेरीनाग।सीएचसी में डाक्टर नही होने के कारण कंरट लगने झुलसे नवल तीन घंटे तक बैंड में पड़ा रहा। तीन घंटे के बाद जब गंगोलीहाट से प्रभारी चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे तब जाकर उसको देखने के बाद डाक्टर ने मृत धोषित किया।

बिना डाक्टर के नही उठाये शव
बेरीनाग। स्वास्थ्य केन्द्र में जब तक स्थाई डाक्टर नही आते है तब तक किसी भी हालत में यहां से शव नही उठाने की बात कही। सभासद बलवंत धानिक और डीएल शाह ने बताया कि पिछले 6 माह से यहां पर एक भी स्थाई डाक्टर नही होने से परेशानी हो रही है आये दिन मरीजों को यहां से हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।

मौत के लिए जिम्मेदार कौन
बेरीनाग। बिना बुलाये मौत हुई नवल किशोर की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है एक घर का चिराग बुझ गया गया। पत्नी का सुहाग उजड गया और बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया। आखिर किसके लापरवाही से मौत हुई है क्या मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

बाइट हेम पंत अध्यक्ष नगर पंचायत Conclusion:लापरवाही
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