पिथौरागढ़: पिछले 72 घंटों से लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बीते तीन दिन से पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला हाईवे बंद होने से लोगों की मुसीबत दोगुनी हो गयी है. हाईवे बंद होने से जरूरी सामान की सप्लाई बाधित हुई.
पिथौरागढ़ को जोड़ने वाला हाईवे शुक्रवार को भी नहीं खुल पाया है. पिछले तीन दिन से ट्रांसपोर्ट के वाहन रास्ते में ही फंसे हुए है. जिसके चलते जिले में पेट्रोल-डीजल सहित खाद्य सामग्री की किल्लत होने लगी. हाईवे पर फंसे यात्री जंगलों के बीच भूखे प्यासे रहने को मजबूर हैं. जबकि फल-सब्जी और ट्रांसपोर्ट का सामान ला रहे ट्रक बड़ी संख्या में घाट की ओर फंसे हुए हैं. पिथौरागढ़ की ओर फंसे वाहन चालक मीना बाजार के ढाबे में खाना खा रहे हैं जबकि घाट की ओर फंसे ट्रक चालकों को खाना और पानी तक नहीं मिल पा रहा है.
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बता दें कि टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर ऑलवेदर रोड का काम चल रहा है. मानसून बारिश में हाईवे कई स्थानों पर बाधित हो गया है. वहीं चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाला लिपुलेख मार्ग भी पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा है. मार्ग बंद होने से बॉर्डर के 7 गांवों के लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं, वहीं जिले में डेढ़ दर्जन से ज्यादा गांव की सड़क भी बंद हो गई है. सड़के बंद होने से लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है मार्ग को खोलने के लिए मशीने लगाई गई है, सड़क देर रात तक खुलने की उम्मीद है.
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मरीज को इलाज के लिए डोली से पहुंचाया अस्पताल
भारी बारिश के चलते पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले रास्ते बंद होने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले के सीमांत गांव रावतगड़ा में एक मरीज की तबियत खराब होने पर ग्रामीणों ने उसे डोली में लादकर 3 किलोमीटर दूर चंपावत पहुंचाया. चंपावत से मरीज को इलाज के लिए हायर सेंटर हल्द्वानी पहुंचाया गया है. बता दें कि जिले में बीते तीन दिनों से जारी बारिश से लैंडस्लाइड के चलते मार्ग बंद पड़े हैं जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है.