पिथौरागढ़: स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. अनशन पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि शासन उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहा है, जिसके कारण उन्हें मजबूरन आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है. वहीं, आंदोलनकारी कर्मचारियों की मांग है कि जो लोग टेक्निकल काम कर रहे हैं, उन्हें टेक्निकल कर्मचारी घोषित किया जाए.
आंदोलनकारी कर्मचारियों का कहना है कि हाईस्कूल से कम पढ़े-लिखे कर्मचारी पिछले काफी समय से स्वास्थ्य विभाग में टेक्निकल कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी पदोन्नति आजतक नहीं हो पाई है. अधिकांश कर्मचारी कई साल से लिपिक पद पर पदोन्नति होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पदोन्नति की आस में ही सेवानिवृत्त हो गए. वहीं. कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि उद्यान विभाग में माली को उद्यान सहायक बनाकर उन्हें टेक्निकल घोषित करते हुए उनका ग्रेड-पे 4,200 रुपए किया जाए.
साथ ही कोरोनाकाल में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50 प्रतिशत का कोटा, नर्सेज संवर्ग की भांति पौष्टिक आहार भत्ता, पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भांति एक महीने का मानदेय और जोखिम भत्ता दिया जाए.
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वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केमू स्टेशन में जोरदार प्रदर्शन किया. कांग्रेस का कहना है कि पिथौरागढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी से चौपट हो चुकी है, जिसकी वजह से आए दिन जिले में प्रसव पीड़ित महिलाओं की मौत हो रही है. इस दौरान पिथौरागढ़ के पूर्व कांग्रेसी विधायक मयूख महर ने कहा कि जिले के किसी भी हायर सेंटर तक जाने के लिए 6 से 7 घंटे का समय लगता है. लेकिन यहां की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का सरकार कोई संज्ञान नहीं ले रही है.
पूर्व विधायक ने कहा कि 3 दिन पहले महिला अस्पताल में एक महिला को डिलीवरी के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया था, लेकिन उसी दौरान महिला की मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तब तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती रहेगी, जब तक जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट आती.