गंगोलीहाट: पिथौरागढ़ की गंगोलीहाट विधानसभा सीट से 2002 और 2012 में कांग्रेस से विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे नारायण राम आर्य ने कांग्रेस से टिकट न मिलने पर नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. नारायण राम आर्य 27 जनवरी को नामांकन करेंगे. गंगोलीहाट सीट से कांग्रेस ने खजान गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है. नारायण राम ने कहा कि राज्य गठन के बाद गंगोलीहाट विधानसभा सीट के बेरीनाग और गंगेालीहाट विकास खंड में कांग्रेस के लिए दिन-रात काम किया है. उन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
तिवारी सरकार में रहे मंत्रीः नारायण राम आर्य को 2002 में कांग्रेस ने पहली बार टिकट दिया. 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में गंगोलीहाट विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नारायण राम आर्य ने बीजेपी के जोगाराम टम्टा को 470 वोट से हराया. उस दौरान तत्कालीन तिवारी सरकार में दर्जा कैबिनेट मंत्री बनाया गया. नारायण राम अपने सीधे और सरल स्वभाव के कारण पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेहद करीबी रहे. इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में पूर्व आयुक्त भाजपा नेता जोगा राम से 2790 मतों से चुनाव हार गए. वर्ष 2012 में भाजपा नेता गीता ठाकुर को हराकर दूसरी बार विधायक बने और एक बार फिर कांग्रेस सरकार में दर्जा कैबिनेट मंत्री से नवाजे गए. 2017 के चुनाव में भाजपा की मीना गंगोला से मात्र 805 वोटों से चुनाव हार गए.
ये भी पढ़ेंः CM धामी बोले- 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीतकर इतिहास रचेंगे स्वामी यतीश्वरानंद
सामाजिक तानाबानाः गंगोलीहाट विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस सीट पर सबसे अधिक मतदाता अनुसूचित जाति वर्ग के हैं. अनुमान के मुताबिक यहां करीब 37 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. ब्राह्मण और राजपूत मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. इस सीट का चुनाव परिणाम तय करने में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
महंगा पड़ सकता है कांग्रेस को दांवः राजनीतिज्ञों कहना है दो बार के विधायक को कांग्रेस द्वारा इस तरह दर किनार करना भारी पड़ सकता है. वर्तमान में नारायण राम आर्य की अपने गृह क्षेत्र गणाई, गंगोली सहित 50 प्रतिशत बूथों में अच्छी पकड़ है. कांग्रेस के लिए एक सीट भी महत्वपूर्ण है.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Assembly Elections: राजपुर सीट से BJP प्रत्याशी खजान दास से खास बातचीत
दो जवान बेटों का निधनः पूर्व विधायक नारायण राम आर्य के 6 साल पहले एक वर्ष के भीतर ही डॉक्टर और इंजीनियर बेटों की मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि दो बेटों की मौत के बाद भी वह कांग्रेस के लिए काम करते रहे. उन्होंने कभी भी पारवारिक दुख को पार्टी के आड़े नहीं आने दिया. नारायण राम आर्य ने बताया कि मेरा सब कुछ ही गंगोलीहाट की जनता थी. मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था. मुझे गंगोलीहाट की जनता के लिए कार्य करना था. लेकिन पार्टी द्वारा मेरा टिकट काट दिया गया है. यदि जनता का आशीर्वाद मिला तो अवश्य फिर से गंगोलीहाट की सेवा करूंगा.
पूर्व सीएम हरीश रावत पर गंभीर आरोपः नारायण राम आर्य ने टिकट कटने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमेशा पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ खड़ा रहा. 2016 में सीएम हरीश रावत पर संकट आने के दौरान भी उनके साथ मजबूती से खड़ा रहा. उस दौरान भाजपा के द्वारा कई प्रलोभन भी दिए गए. हरीश रावत ने मुझे एक माह कैद करके कई स्थानों पर भी रखा. लेकिन आज धनबल के आधार पर टिकट बांट दिया गया. कांग्रेस का अब पतन शुरू हो गया है.