पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उसके आस-पास के गांवों में आदमखोर गुलदार आतंक का पर्याय बना हुआ है. हालात इतने खतरनाक हैं कि गुलदार ने हाल ही में दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. एक व्यक्ति मौत के मुंह से बाल-बाल बचा है. गुलदार के बढ़ते हमलों से हर कोई खौफजदा है. वहीं, वन विभाग ने इस आदमखोर को मारने के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ से परमिशन मांगी है.
![पिथौरागढ़](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/uk-pit-01-leopard-vis-uk10020_27092020174007_2709f_1601208607_243.jpg)
वन विभाग आदमखोर की पहचान करने में जुटा है. साथ ही चीफ वाइल्ड लाइफ से गुलदार को मारने की परमिशन भी मांगी है, लेकिन आदमखोर का शिकार करना इतना आसान नहीं है. बरसात के बाद हर तरफ छाई हरियाली ने विभाग की राह काफी कठिन कर दी है. ऐसे में आदमखोर गुलदार को तलाशने के साथ उसे मार गिराना वन विभाग के लिए मुश्किल टारगेट है.
बरसात खत्म होने के साथ ही गुलदार के हमलों में एकाएक इजाफा देखने को मिल रहा है. पिथौरागढ़ के सुकौली गांव में एक युवक को मौत के घाट उतारने के बाद छाना गांव की 11 साल की मासूम बच्ची करिश्मा आदमखोर की भेंट चढ़ गई. वहीं, शनिवार को गुलदार ने धारापानी के 40 वर्षीय ललित मोहन जोशी को गम्भीर रूप से जख्मी कर दिया.
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लगातार हो रहे गुलदार के हमलों से लोग भारी दहशत में हैं. आलम ये है कि शाम ढलते ही गांव ही नहीं, बल्कि शहर में भी चारों तरफ सन्नाटा ही नजर आ रहा है. शहर की गलियों में भी आदमखोर सीसीटीवी में कई दफा कैद हो चुका है. बीते साल भी पिथौरागढ़ के लोगों ने गुलदार की दहशत का सामना किया था.
चर्चित शिकारी जॉय हुकिल ने आदमखोर का अंत किया तो, लोगों ने चैन की सांस ली थी. लेकिन एक बार फिर आदमखोर ने लोगों की नींद हराम कर दी है. वन महकमे के लिए भी गुलदार को शिकंजे में लाना किसी चुनौती से कम नहीं है.