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सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में दो विभाग बंद, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप - सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज पिथौरागढ़

सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग की ब्रांच को बंद करने का फैसला लिया गया है. दोनों ब्रांचों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण संस्थान की प्रशासनिक परिषद ने ये फैसला लिया है.

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Published : Feb 8, 2020, 6:08 PM IST

पिथौरागढ़: सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग की ब्रांच को बंद करने का फैसला लिया गया है. दोनों ब्रांचों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण संस्थान की प्रशासनिक परिषद ने ये फैसला लिया है. इसका अनुमोदन एसआईसीटीई को भेजा जा रहा है. इन पाठ्यक्रमों के बंद होने से संस्थान में अब तीन ब्रांच ही चलेगी. इसके चलते कई कर्मचारी प्रभावित होंगे. वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है.

कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा इंजीनियरिंग की सदाबहार ब्रांचेंज को बंद करना सोची समझी साजिश है. जिसके तहत सरकार सीमांत के तकनीकी संस्थान को बंद करना चाहती है. वहीं, जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोला गया सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहा है.

सिविल और इलेक्ट्रिक की ब्रांच बंद करने का फैसला.

कालेज प्रशासन का कहना है कि साल 2011-12 में पिथौरागढ़ जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई थी. इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने के बाद युवाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता था. लेकिन संस्थान खुलने के दो वर्ष बाद ही छात्र संख्या गिरने लगी. संस्थान में कुल 300 सीटें उपलब्ध है, लेकिन इस वर्ष संस्थान में मात्र 44 ही नए प्रवेश हुए हैं. सबसे शून्य छात्र संख्या इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में है. जबकि, संस्थान की प्रशासनिक बोर्ड की बैठक में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की ब्रांच बंद करने का फैसला लिया गया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से खास बातचीत

सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में कम प्रवेश और रोजगार के अवसर कम होने के कारण इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का फैसला लिया गया है. शासन से स्वीकृति के बाद ब्रांच बंद कर दी जाएगी. बंद होने वाली ब्रांचों के स्थान पर नई जरुरत वाली ब्रांच खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है.

पिथौरागढ़: सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग की ब्रांच को बंद करने का फैसला लिया गया है. दोनों ब्रांचों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण संस्थान की प्रशासनिक परिषद ने ये फैसला लिया है. इसका अनुमोदन एसआईसीटीई को भेजा जा रहा है. इन पाठ्यक्रमों के बंद होने से संस्थान में अब तीन ब्रांच ही चलेगी. इसके चलते कई कर्मचारी प्रभावित होंगे. वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है.

कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा इंजीनियरिंग की सदाबहार ब्रांचेंज को बंद करना सोची समझी साजिश है. जिसके तहत सरकार सीमांत के तकनीकी संस्थान को बंद करना चाहती है. वहीं, जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोला गया सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहा है.

सिविल और इलेक्ट्रिक की ब्रांच बंद करने का फैसला.

कालेज प्रशासन का कहना है कि साल 2011-12 में पिथौरागढ़ जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई थी. इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने के बाद युवाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता था. लेकिन संस्थान खुलने के दो वर्ष बाद ही छात्र संख्या गिरने लगी. संस्थान में कुल 300 सीटें उपलब्ध है, लेकिन इस वर्ष संस्थान में मात्र 44 ही नए प्रवेश हुए हैं. सबसे शून्य छात्र संख्या इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में है. जबकि, संस्थान की प्रशासनिक बोर्ड की बैठक में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की ब्रांच बंद करने का फैसला लिया गया है.

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सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में कम प्रवेश और रोजगार के अवसर कम होने के कारण इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का फैसला लिया गया है. शासन से स्वीकृति के बाद ब्रांच बंद कर दी जाएगी. बंद होने वाली ब्रांचों के स्थान पर नई जरुरत वाली ब्रांच खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है.

Intro:पिथौरागढ़ : सीमांत इजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग की ब्रांच बंद करने का फैसला लिया गया है। दोनों ही ब्रांचों में छात्र संख्या कम होने के कारण संस्थान की प्रशासनिक परिषद ने ये फैसला लिया है। इसका अनुमोदन एसआईसीटीई को भेजा जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों के बंद होने से संस्थान में तीन ब्रांच ही चलेंगी। जिससे दर्जन भर कार्मिक भी प्रभावित होंगे। विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है। कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सरकार इंजीनियरिंग की सदाबहार ब्रांचेंज को बंद कर सोची समझी साजिश के तहत सीमांत के तकनीकी संस्थान को बंद करना चाहती है।

Body:पिथौरागढ़ जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोला गया सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज बंदी की कगार पर आ गया है। साल 2011-12 में पिथौरागढ़ जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गयी थी। इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि यूवाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नही जाना पडेगा। लेकिन संस्थान खुलने के दो वर्ष बाद ही छात्र संख्या गिरने लगी। संस्थान में कुल 300 सीटें उपलब्ध है, लेकिन इस वर्ष संस्थान में मात्र 44 ही नए प्रवेश हुए है। सबसे कम शुन्य छात्र संख्या इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में है। जबकि संस्थान की प्रशासनिक बोर्ड की बैठक में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की ब्रांच बंद करने का फैसला लिया गया है। सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में कम प्रवेश और रोजगार के अवसर कम होने के कारण इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का फैसला लिया गया है। शासन से स्वीकृति के बाद ब्रांच बंद कर दी जाएगी। बंद होने वाली ब्रांचों के स्थान पर नयी जरूरत वाली ब्रांच खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

इस साल इन ब्रांचों में इतनी है छात्र संख्या

सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में कुल पांच तकनीकी ब्रांच है। सभी ब्रांचों में 60 सीटें निर्धारित है मगर इस वर्ष सिविल इंजीनियरिंग में 5 छात्र, कम्प्यूटर साईंस एंड इजीनियरिंग में 24 छात्र, इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग में 10, इलेक्ट्रोनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में 0, मेकेनिकल इंजीनियरिंग में 5 छात्र संख्या है।

Byte1: मथुरा दत्त जोशी, पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
Byte: प्रो.अंबरीष एस. विद्यार्थी, निदेशक, सीमांत इंजीनियरिग कॉलेज

Conclusion:
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