पिथौरागढ़: सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इजीनियरिंग की ब्रांच को बंद करने का फैसला लिया गया है. दोनों ब्रांचों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण संस्थान की प्रशासनिक परिषद ने ये फैसला लिया है. इसका अनुमोदन एसआईसीटीई को भेजा जा रहा है. इन पाठ्यक्रमों के बंद होने से संस्थान में अब तीन ब्रांच ही चलेगी. इसके चलते कई कर्मचारी प्रभावित होंगे. वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गया है.
कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा इंजीनियरिंग की सदाबहार ब्रांचेंज को बंद करना सोची समझी साजिश है. जिसके तहत सरकार सीमांत के तकनीकी संस्थान को बंद करना चाहती है. वहीं, जिले में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोला गया सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहा है.
कालेज प्रशासन का कहना है कि साल 2011-12 में पिथौरागढ़ जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की गई थी. इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने के बाद युवाओं को तकनीकी शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता था. लेकिन संस्थान खुलने के दो वर्ष बाद ही छात्र संख्या गिरने लगी. संस्थान में कुल 300 सीटें उपलब्ध है, लेकिन इस वर्ष संस्थान में मात्र 44 ही नए प्रवेश हुए हैं. सबसे शून्य छात्र संख्या इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में है. जबकि, संस्थान की प्रशासनिक बोर्ड की बैठक में सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की ब्रांच बंद करने का फैसला लिया गया है.
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सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में कम प्रवेश और रोजगार के अवसर कम होने के कारण इन पाठ्यक्रमों को बंद करने का फैसला लिया गया है. शासन से स्वीकृति के बाद ब्रांच बंद कर दी जाएगी. बंद होने वाली ब्रांचों के स्थान पर नई जरुरत वाली ब्रांच खोले जाने पर भी विचार किया जा रहा है.