बेरीनाग: हर साल आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा प्रारंभ की गई पवित्र छड़ी यात्रा बेरीनाग और गंगोलीहाट (Chadi Yatra reached Berinag and Gangolihat) पहुंची. जहां महाकाली मंदिर और पाताल भुवनेश्वर में छड़ी का पूजन किया गया. बेरीनाग पहुंचने पर विधायक फकीर राम टम्टा के नेतृत्व भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने छड़ी यात्रा का भव्य स्वागत (Grand welcome of Chadi Yatra) किया. जूना अखाड़ा परिषद के सभापति प्रेम गिरी महाराज ने बताया छड़ी यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से पलायन को रोकने के साथ ही धर्मांतरण पर प्रतिबंधित लगाना है.
प्रेम गिरी महाराज ने कहा कि मठ मंदिरों को सरकारी करण से मुक्त कराकर साधु संतों को दिया जाना चाहिए. संनातन धर्म में असंगठित अधर्मियों को एक सूत्र में जोड़ने का अभियान है. जूना अखाड़े के सभापति ने कहा कि देवभूमि को देवभूमि ही रहने दिया जाए. विधर्मियों का यहां पुनर्वास ना किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के मंदिरों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं, जो काबिले तारीफ हैं.
पढे़ं- धामी सरकार के मंत्रियों की मनमर्जी, संगठन और सीएम आदेश के बाद भी नहीं कर रहे जिलों में प्रवास
बता दें कि जूना अखाड़ा की तरफ से छड़ी यात्रा निकाली जाती है, मगर किसी कारण से बंद हो गई थी. प्राचीन समय में छड़ी यात्रा बागेश्वर से निकाली जाती थी. तीन साल पहले अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के हरिगिरि महाराज ने मुख्यमंत्री से प्राचीन छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू करने की अनुमति मांगी. प्राचीन छड़ी को हरिद्वार लाकर स्थापित कर दिया गया. सरकार की अनुमति मिलने के बाद छड़ी यात्रा को दोबारा शुरू किया गया.