पिथौरागढ़: चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाला कुलागाड़ पुल तैयार हो गया है. कुलागाड़ में 8 जुलाई को आरसीसी पुल बह गया था. पुल बहने से दारमा, ब्यास और चौंदास घाटी का संपर्क शेष दुनिया से कट गया था. बीआरओ ने फिलहाल कुलागाड़ में वैली ब्रिज तैयार कर दिया है. वैली ब्रिज बनने से तीनों घाटियों के लिए आवाजाही शुरू हो गई है.
धारचूला में चीन बॉर्डर को जोड़ने वाला कुलागाड़ पुल बीआरओ ने 5 दिन में तैयार कर दिया है. 170 मीटर लम्बा नया बैली ब्रिज बनने के बाद बॉर्डर के 100 से अधिक गांवों को तो राहत मिली ही है, साथ ही चीन और नेपाल बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा बलों की आवाजाही भी आसान हुई है.
पढ़ें- दो करोड़ का घाट तीन महीने में ढहा, सिंचाई मंत्री महाराज के आश्रम के सामने बना था
बता दें, 8 जुलाई को नदी का जलस्तर बढ़ने से कुलागाड़ पुल जमींदोज हो गया था. इस पुल के जरिए ही चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी दारमा, ब्यास और चौंदास घाटी शेष दुनिया से जुड़ती है. यही नहीं, बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के जवानों की आवाजाही भी इसी पुल से होती है. जवानों के लिए जरूरी सामान भी कुलागाड़ के अहम पुल के जरिए बीओपी तक पहुंचता है.