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विभिन्न मांगों को लेकर आशा वर्करों का प्रदर्शन, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

पिथौरागढ में आशा वर्करों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया है. आशा वर्करों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

Pithoragarh
आशा वर्करों का धरना-प्रदर्शन
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Published : Jul 23, 2021, 8:07 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 4:52 PM IST

पिथौरागढ़: आशा वर्करों ने मानदेय बढ़ाए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. नाराज आशा वर्करों का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, आशा वर्करों के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण का काम भी प्रभावित हो गया है.

शुक्रवार को जिले भर की आशा वर्करों ने कलेक्ट्रेट में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. आशा वर्करों का आरोप है कि मानदेय बढ़ाए जाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है. आशा वर्करों ने बताया कि उनकी मांग है कि उन्हें सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए लागू किया जाए.

आशा वर्करों का धरना-प्रदर्शन.

ये भी पढ़ें: श्रीदेव सुमन विवि में एडमिशन घोटाला, 700 फर्जी छात्रों को दिलाया Exam, जांच के आदेश

वहीं, प्रदर्शनकारी आशा वर्करों का का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आशा वर्करों को 10 हजार रुपए कोरोना भत्ता देने की घोषणा की थी, जो उन्हें अभी तक नहीं मिला है. आशा वर्करों की ये भी मांग है कि जो आशा वर्कर कोरोना कार्य में लगी हुई हैं, उनका 50 लाख रुपए का जीवन बीमा और 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा किया जाए. वहीं, आशा वर्करों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो इस आंदोलन को उग्र कर दिया जाएगा.

पिथौरागढ़: आशा वर्करों ने मानदेय बढ़ाए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. नाराज आशा वर्करों का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, आशा वर्करों के हड़ताल पर जाने से टीकाकरण का काम भी प्रभावित हो गया है.

शुक्रवार को जिले भर की आशा वर्करों ने कलेक्ट्रेट में प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. आशा वर्करों का आरोप है कि मानदेय बढ़ाए जाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है. आशा वर्करों ने बताया कि उनकी मांग है कि उन्हें सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए लागू किया जाए.

आशा वर्करों का धरना-प्रदर्शन.

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वहीं, प्रदर्शनकारी आशा वर्करों का का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आशा वर्करों को 10 हजार रुपए कोरोना भत्ता देने की घोषणा की थी, जो उन्हें अभी तक नहीं मिला है. आशा वर्करों की ये भी मांग है कि जो आशा वर्कर कोरोना कार्य में लगी हुई हैं, उनका 50 लाख रुपए का जीवन बीमा और 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा किया जाए. वहीं, आशा वर्करों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो इस आंदोलन को उग्र कर दिया जाएगा.

Last Updated : Aug 17, 2021, 4:52 PM IST
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