पिथौरागढ़: चीन सीमा तक जाने वाला मार्ग बीते दिनों भारी बारिश के चलते 6 अक्टूबर से बंद है. जिसके चलते नौ दिनों से गुंजी में फंसे 35 आदि कैलाश यात्रियों सहित स्थानीय ग्रामीणों को व अन्य लोगों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ पहुंचाया गया. यह यात्री 9 दिनों से गुंजी में फंसे हुए थे. जिसके बाद पर्यटकों का दल आज पिथौरागढ़ पहुंचा. ऐसे में पर्यटक आवास गृह पिथौरागढ़ में इन यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया.
बता दें कि आदि कैलाश के लिए निकला यात्री दल 6 अक्टूबर से भारी बर्फबारी के चलते गुंजी में फंस गया था. यात्री दल द्वारा यात्रियों को केवल ओम पर्वत के दर्शन कराएं गए लेकिन सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण आदि कैलाश के दर्शन नहीं हो पाये. यात्रियों को आज गुंजी से वायु मार्ग से नैनी सैनी हवाई अड्डे ले जाया गया. यात्रियों ने हेली की व्यवस्था करवाने के लिए जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान के कार्यालय में जाकर बुके देकर उनका आभार प्रकट किया.
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इस दौरान यात्रियों ने कहा उन्होंने बर्फबारी की अवधि में वहां की सुंदरता का आनंद लिया. भोले बाबा की छत्र छाया उनके ऊपर बनी रहे. यात्रियों ने कुमाऊं मंडल विकास निगम की व्यवस्थाओं की भी सराहना की. यात्रियों ने कहा कि पर्यटक आवास गृह पिथौरागढ़ के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी की पहल एक पौधा धरती मां के नाम के तहत पौधारोपण किया है. उसका उन्होंने पालन करते हुए उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी में भी पौधारोपण किया.
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यात्रियों ने बताया कि उन्होंने ओम पर्वत के दर्शन तो कर लिए थे परंतु आदि कैलाश मार्ग में अत्यधिक हिमपात के चलते वे दर्शन नहीं कर सके. यात्रियों ने कहा आदि कैलाश के दर्शन भविष्य में कर लेंगे. उन्होंने यात्रा के दौरान उच्च हिमालय में बर्फबारी का नजारा देखा और कहा कि बर्फबारी के दौरान उच्च हिमालय का नजारा वह कभी भूल नहीं सकेंगे. उनके लिए यह एक आनंदित करने वाली अनुभूति है.